राहुल गांधी ने PM मोदी से पूछे तीन सवाल, कहा- राफेल भ्रष्टाचार स्कैंडल में किसने पैसे लिए?
राहुल गांधी ने अपने ट्वीट में छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि पीएम कहते हैं कि सवालों के जवाब बिना किसी डर और घबराहट के दें. कृपया उनसे ऐसा ही करने के लिए कहिए.
नई दिल्ली: कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने राफेल डील को लेकर एक दफा फिर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को घेरने की कोशिश की है. उन्होंने अपने ट्वीट में छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि पीएम कहते हैं कि सवालों के जवाब बिना किसी डर और घबराहट के दें. कृपया उनसे ऐसा ही करने के लिए कहिए. राहुल ने अपने ट्वीट में पीएम से तीन सवाल किए हैं.
राहुल गांधी ने ट्वीट किया, "प्यारे छात्रों, पीएम ने कहा कि बिना किसी डर और घबराहट के सवालों के जवाब दें. कृपया उनसे ऐसा ही करने के लिए कहें: 1. राफेल भ्रष्टाचार स्कैंडल में किसने पैसे लिए? 2. कॉन्ट्रैक्ट से एंटी करप्शन क्लॉज़ किसने खत्म किया? 3. रक्षा मंत्रालय के प्रमुख दस्तावेजों तक बिचौलिए की पहुंच किसने बनाई?"
Dear students,
PM said answer questions without fear & nervousness. Please ask him to do the same: 1. Who took money in the #Rafale corruption scandal? 2. Who deleted the anti-corruption clauses in the contract? 3. Who gave middlemen access to key Defence Ministry documents? — Rahul Gandhi (@RahulGandhi) April 9, 2021
आपको बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को डिजिटल माध्यम से 'परीक्षा पर चर्चा' कार्यक्रम के दौरान देश के छात्र छात्रों के साथ बातचीत की थी. इस दौरान पीएम ने स्टूडेंट्स को परीक्षा और उसकी तैयारियों को लेकर कई टिप्स दिए थे. उस दौरान पीएम ने कहा कि बिना किसी डर और घबराहट के सवालों के जवाब दें. अब राहुल ने उनके बयान को लेकर उन्हीं पर निशाना साधा है.
फ्रांस की वेबसाइट ने राफेल डील भ्रष्टाचार का किया है दावा
कांग्रेस नेता राहुल गांधी राफेल डील पर कथित भ्रटाचार के आरोप लगाते आए हैं. हालांकि तमाम आरोपों से गुजरते हुए राफेल सौदे को कोर्ट से हरी झंडी मिल चुकी है. लेकिन इस बीच हाल ही में फ्रांस की समाचार वेबसाइट मीडिया पार्ट ने राफेल पेपर्स नाम से आर्टिकल प्रकाशित किए हैं. इस रिपोर्ट में दावा किया गया है कि सौदे में भ्रष्टाचार हुआ है.
रिपोर्ट के मुताबिक राफेल लड़ाकू विमान डील में गड़बड़ी का सबसे पहले पता फ्रांस की भ्रष्टाचार निरोधक एजेंसी AFA को 2016 में हुए इस सौदे पर दस्तखत के बाद लगा. AFA को ज्ञात हुआ कि राफेल बनाने वाली कंपनी दसौ एविएशन ने एक बिचौलिए को 10 लाख यूरो देने पर रजामंदी जताई थी. यह हथियार दलाल इस समय एक अन्य हथियार सौदे में गड़बड़ी के लिए आरोपी है. हालांकि AFA ने इस मामले को प्रोसिक्यूटर के हवाले नहीं किया.
रिपोर्ट के मुताबिक अक्टूबर 2018 में फ्रांस की पब्लिक प्रोसिक्यूशन एजेंसी PNF को राफ़ेल सौदे में गड़बड़ी के लिए अलर्ट मिला. साथ ही लगभग उसी समय फ्रेंच कानून के मुताबिक दासौ एविएशन के ऑडिट का भी समय हुआ. कंपनी के 2017 के खातों की जाँच का दौरान 'क्लाइंट को गिफ्ट' के नाम पर हुए 508925 यूरो के खर्च का पता लगा. यह समान मद में अन्य मामलों में दर्ज खर्च राशि के मुकाबले कहीं अधिक था.
बीजेपी ने दावों को किया खारिज
अब इन दावों के सामने आने के बाद एक बार फिर कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने केंद्र सरकार पर राफेल डील को लेकर सवाल उठाए हैं. हालांकि कांग्रेस के हमले के जवाब में बीजेपी के सीनियर नेता और केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि यह पूरी तरह निराधार है. सुप्रीम कोर्ट और कैग ने कुछ भी गलत नहीं पाया.
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