मध्य प्रदेश के एक पुलिस थाने में खड़े अर्ध-नग्न पुरुषों के एक ग्रुप की तस्वीरें सोशल मीडिया पर सामने आई हैं. इस तस्वीर में यूट्यूब पत्रकार कनिष्क तिवारी को भी देखा गया है. पत्रकार के मुताबिक उन्हें इस हालत में इसलिए रखा गया क्योंकि वो उस शख्स के समर्थन में चले गए थे जिसे बीजेपी विधायक और उसके बेटे के खिलाफ अभद्र भाषा का इस्तेमाल करने के लिए गिरफ्तार किया गया था.
वहीं, इस पूरे मामले के सामने आने के बाद कांग्रेस नेता ने केंद्र सरकार पर हमला किया है. उन्होंने ट्वीट करते हुए कहा, लॉकअप में लोकतंत्र के चौथे स्तंभ का चीरहरण! या तो सरकार की गोद में बैठकर उनके गुणगान गाओ, या जेल के चक्कर काटो. ‘नए भारत’ की सरकार, सच से डरती है.
क्या है पूरा मामला
बता दें, ये मामला जुड़ा है नीरज नाम के थियेटर आर्टिस्ट से. जिसने विधायक केदारनाथ शुक्ला के खिलाफ फेसबुक पर आपत्तिजनक टिप्पणी की थी. जिसके बाद पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर नीरज को जेल भेज दिया. जब नीरज के समर्थन में कुछ पत्रकार पुलिस स्टेशन पहुंचे तो आरोप है कि पुलिस ने पत्रकारों की बेरहमी से पिटाई कर दी. उनके कपड़े उतारकर उनकी फोटो खींची और इन तस्वीरों को वायरल किया गया. इस कृत्य पर पुलिस की हर तरफ निंदा हो रही है लेकिन पुलिस इसे वाजिब बता रही है. हालांकि सीधी के एसपी ने इस मामले की उच्चस्तरीय जांच करने और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करने का आश्वासन दिया है.
एक्शन में आए CM
मामला तूल पकड़ा तो सीएम शिवराज सिंह चौहान ने पुलिस हेडक्वॉर्टर से पूरे मामले की रिपोर्ट मांग ली. दोषियों पर सख्त कार्रवाई के निर्देश दे दिए. वहीं पत्रकारों से दुर्व्यवहार के लिए जिम्मेदार थाना प्रभारी मनोज सोनी और सब इन्स्पेक्टर को लाइन हाजिर किया गया है.
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