राहुल गांधी का PM पर निशाना, कहा- राफ़ेल में लूटने के बाद फ़सल बीमा में किसानों को लूट रही है
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने पीएम नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा है. राहुल गांधी ने कहा कि वायुसेना को राफ़ेल में लूटने के बाद अब मोदी सरकार फ़सल बीमा के नाम पर किसानों को लूट रही है.
नई दिल्ली: कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने पीएम मोदी पर निशाना साधा है. राहुल गांधी ने कहा कि वायुसेना को राफ़ेल में लूटने के बाद अब मोदी सरकार फ़सल बीमा के नाम पर किसानों को लूट रही है. दरअसल पत्रकार और किसानों के मुद्दों को लेकर मुखर रहने वाले पी. साईंनाथ ने कहा था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन की सरकार की फसल बीमा योजना राफेल से बड़ा घोटाला है. पी साईनाथ ने आरोप लगाया है कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना राफेल घोटाले से भी बड़ा गोरखधंधा है. रिलायंस, एस्सार, जैसी चुनिंदा कंपनियों को फसल बीमा प्रदान करने का काम सौंपा गया है.
पी साईनाथ के इसी बयान के आधार पर राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री को निशाना बनाते हुए ट्वीट कर लिखा," वायुसेना को राफ़ेल में लूटने के बाद, अब फ़सल बीमा के नाम पर किसानों को लूटा जा रहा है. मक़सद एक है. सूट-बूट वाले दोस्तों के खाते में हज़ारों करोड़ रुपय भरना. चौकीदार ने इरादा साफ़ कर दिया है. औरों से करूंगा मैं चोरी, क्योंकि दोस्तों की भरनी है तिजोरी."
वायुसेना को राफ़ेल में लूटने के बाद, अब फ़सल बीमा के नाम पर किसानों को लूटा जा रहा है| मक़सद एक है: सूट-बूट वाले दोस्तों के खाते में हज़ारों करोड़ रुपय भरना| चौकीदार ने इरादा साफ़ कर दिया है: औरों से करूँगा मैं चोरी, क्योंकि दोस्तों की भरनी है तिजोरी|
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) November 5, 2018
बता दें कि साईंनाथ ने शुक्रवार से चल रहे तीन दिवसीय किसान स्वराज सम्मेलन को संबोधित करते हुए केंद्र की मोदी सरकार पर आरोप लगया था. उन्होंने महाराष्ट्र का उदाहरण देते हुए कहा था कि 2.80 लाख किसानों ने सोयाबीन की खेती की. एक जिला में किसानों ने 19.2 करोड़ रुपये का भुगतान किया. राज्य सरकार और केंद्र सरकार ने 77-77 करोड़ रुपये का भुगतान किया. कुल राशि 173 करोड़ रुपये हुई जो रिलायंस बीमा को भुगतान किया गया." उन्होंने कहा, "पूरी फसल खराब हो गई और बीमा कंपनी ने दावों का भुगतान किया. रिलायंस ने एक जिले में 30 करोड़ रुपये का भुगतान किया और उसे शुद्ध लाभ 143 करोड़ रुपये हुआ, जबकि उसका निवेश एक भी रुपया नहीं था."