Rahul Gandhi On Economy: राहुल गांधी ने भारतीय अर्थव्यवस्था की वर्तमान स्थिति पर चिंता जताई है. उन्होंने कहा कि भारत की जीडीपी ग्रोथ रेट दो साल में सबसे निचले स्तर 5.4% पर आ गई है. बेरोजगारी 45 सालों के रिकॉर्ड पर है. राहुल ने कहा कि जब तक विकास का लाभ केवल गिने-चुने अमीरों तक सीमित रहेगा, तब तक भारतीय अर्थव्यवस्था समृद्ध नहीं हो सकती.
राहुल गांधी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा है "भारत की GDP ग्रोथ रेट दो साल में सबसे नीचे 5.4% पर आ गई है, बात साफ है भारतीय अर्थव्यवस्था तब तक तरक्की नहीं कर सकती जब तक इसका फ़ायदा सिर्फ़ गिने-चुने अरबपतियों को मिल रहा हो और किसान, मज़दूर, मध्यमवर्ग और गरीब तरह-तरह की आर्थिक समस्याओं से जूझ रहे हों."
'बेरोजगारी और आय में कमी'
राहुल ने आंकड़ों के साथ अपनी बात रखते हुए कहा कि खुदरा महंगाई दर बढ़कर 14 महीने के उच्चतम स्तर 6.21% पर पहुंच गई है. पिछले साल अक्टूबर की तुलना में इस वर्ष आलू और प्याज़ की क़ीमत लगभग 50% बढ़ गई है. रुपया 84.50 के सबसे निचले स्तर पर पहुंच गया है. बेरोज़गारी पहले ही 45 वर्षों का रिकॉर्ड तोड़ चुकी है.
'FMCG प्रोडक्ट्स की मांग में कमी'
राहुल ने आगे कहा कि पिछले 5 सालों में मज़दूरों, कर्मचारियों और छोटे व्यापारियों की आमदनी या तो ठहर गई है या काफी कम हो गई है. आमदनी कम होने से मांग में भी कमी आई है. 10 लाख से कम क़ीमत वाले कारों की बिक्री में हिस्सेदारी घटकर 50% से कम हो गई है, जो 2018-19 में 80% थी. सस्ते घरों की कुल बिक्री में हिस्सेदारी घटकर क़रीब 22% रह गई है, जो पिछले साल 38% थी. FMCG प्रोडक्ट्स की मांग पहले से ही कम होती जा रही है.कॉरपोरेट टैक्स का हिस्सा पिछले 10 सालों में 7% कम हुआ है, जबकि इनकम टैक्स 11% बढ़ा है.
उन्होंने डिमोनेटाइजेशन का जिक्र करते हुए कहा कि नोटबंदी और GST की मार से अर्थव्यवस्था में मैन्युफैक्चरिंग का हिस्सा घटकर 50 वर्षों में सबसे कम सिर्फ़ 13% रह गया है. ऐसे में नई नौकरियों के अवसर कैसे बनेंगे? इसीलिए भारत की अर्थव्यवस्था के लिए एक नई सोच चाहिए और बिज़नेसेस के लिए एक न्यू डील उसका अहम भाग है. सबको समान रूप से आगे बढ़ने का अवसर मिलेगा, तभी हमारी अर्थव्यवस्था का पहिया आगे बढ़ेगा.
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