नई दिल्ली: आज होने वाली जीएसटी काउंसिल की बैठक से पहले कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने मोदी सरकार पर हमला बोला है. उन्होंने जीएसटी राजस्व में राज्यों को हिस्सा ना देने को लेकर सवाल उठाए हैं. राहुल गांधी ने सरकार पर बड़े उद्योगपतियों के लिए काम करने का आरोप लगाया. इसके साथ ही उन्होंने 8 हजार करोड़ के विमान खरीद का हवाला देते हुए फिजूल खर्ची की बात कहते हुए तंज कसा है.


राहुल गांधी ने ट्वीट किया, ''1. केंद्र ने राज्यों से जीएसटी राजस्व देने का वादा किया. 2. प्रधानमंत्री और कोविड ने अर्थव्यवस्था को चकनाचूर कर दिया. 3. प्रधानमंत्री ने कॉर्पोरेट्स को 1.4 लाख करोड़ की टैक्स में छूट दी, 8400 करोड़ में दो हवाई जहाज खरीदे. 4. केंद्र के पास राज्यों को देने के लिए पैसा नहीं. 5. वित्त मंत्री ने राज्यों से कहा- कर्ज लो. आपके मुख्यमंत्री मोदी के लिए अपना भविष्य क्यों गिरवी रख रहे हैं?''



जीएसटी काउंसिल की बैठक आज, राजस्व घाटे पर होगी चर्चा
जीएसटी काउंसिल की आज बैठक है, इस बैठक में आज एक बार फिर राज्यों को जीएसटी राजस्व में हुए घाटे की भरपाई को लेकर चर्चा होगी. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में राज्यों के वित्त मंत्रियों वाली परिषद लगातार तीसरी बार जीएसटी राजस्व में कमी की क्षतिपूर्ति को लेकर चर्चा करने वाली है.


इस बैठक में क्षतिपूर्ति को लेकर आम सहमति बनाने के लिये एक मंत्रिस्तरीय समिति गठित करने के गैर-बीजेपी शासित राज्यों के सुझाव पर गौर किया जा सकता है. विपक्षी पार्टियों द्वारा शासित कुछ राज्य यह सुझाव दे रहे हैं कि इस मामले में आम सहमति बनाने के लिये मंत्री स्तर की कमेटी का गठन हो.


हालांकि कर्ज लेने के विकल्प पर बीजेपी शासित राज्य पहले ही केंद्र से सहमत हो चुके हैं. इनका मानना है कि उन्हें अब कर्ज लेने की दिशा में आगे बढ़ने की मंजूरी दी जानी चाहिये, ताकि उन्हें शीघ्र धन उपलब्ध हो सके.


क्या है पूरा मामला?
जीएसटी लागू होने के बाद राज्यों के टैक्स में होने वाले नुकसान के लिए केंद्र ने एक तय समय तक उन्हें इसकी भरपायी का भरोसा दिया था. कोविड काल में अर्थव्यवस्था की हालत बेहद खराब होने के कारण केंद्र पूरी तरह से राज्यों के नुकसान की भरपाई नहीं कर पा रहा.


इसके एवज में केंद्र ने राज्यों को जीएसटी की भरपाई के लिए कर्ज के दो विकल्प दिए थे. इसके तहत 97 हजार करोड़ का कर्ज आरबीआई की स्पेशल विंडो से ले सकते हैं या पूरे 2.35 लाख करोड़ बाजार से जुटा सकते हैं. साथ ही लग्जरी और हानिकारक उत्पादों पर सेस वसूली की अवधि बढ़ाने का भी प्रस्ताव था. विपक्ष सरकार को अब इसी मुद्दे पर घेर रहा है.