प्रवासी मज़दूरों की मौत पर राहुल का मोदी सरकार पर तंज, कहा- तुमने ना गिना तो क्या मौत ना हुई?
राहुल गांधी ने कहा- अनियोजित लॉकडाउन एक व्यक्ति के अहंकार की देन है जिससे कोरोना देशभर में फैल गया.लॉकडाउन के दौरान अपने घर लौट रहे कई प्रवासी मजदूरों की अलग-अलग हादसों में मौत हो गई थी.
नई दिल्ली: कोरोना वायरस के मद्देनज़र देश में लगाए गए लॉकडाउन के दौरान प्रवासी मजदूरों का मामला एक बार फिर गरम हो गया है. कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने आज प्रवासी मजदूरों की मौत को लेकर केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार पर हमला किया है. राहुल गांधी ने कहा है कि मोदी सरकार नहीं जानती कि लॉकडाउन में कितने प्रवासी मज़दूर मरे और कितनी नौकरियां गईं.
राहुल गांधी ने क्या ट्वीट किया है?
राहुल गांधी ने ट्विटर पर लिखा है, ‘’मोदी सरकार नहीं जानती कि लॉकडाउन में कितने प्रवासी मज़दूर मरे और कितनी नौकरियां गईं. तुमने ना गिना तो क्या मौत ना हुई? हां मगर दुख है सरकार पे असर ना हुई, उनका मरना देखा ज़माने ने, एक मोदी सरकार है जिसे ख़बर ना हुई.’’
मोदी सरकार नहीं जानती कि लॉकडाउन में कितने प्रवासी मज़दूर मरे और कितनी नौकरियाँ गयीं।
तुमने ना गिना तो क्या मौत ना हुई? हाँ मगर दुख है सरकार पे असर ना हुई, उनका मरना देखा ज़माने ने, एक मोदी सरकार है जिसे ख़बर ना हुई। — Rahul Gandhi (@RahulGandhi) September 15, 2020
पीएम मोदी मोर के साथ व्यस्त हैं- राहुल गांधी
इससे पहले कल राहुल गांधी ने कहा था, ‘’कोरोना संक्रमण के आंकड़े इस हफ़्ते 50 लाख और ऐक्टिव केस 10 लाख पार हो जाएंगे. अनियोजित लॉकडाउन एक व्यक्ति के अहंकार की देन है जिससे कोरोना देशभर में फैल गया. मोदी सरकार ने कहा आत्मनिर्भर बनिए यानि अपनी जान ख़ुद ही बचा लीजिए क्योंकि पीएम मोदी मोर के साथ व्यस्त हैं.’’
संसद में सरकार ने कहा- 'कितने प्रवासी मजदूर मरे, पता नहीं'
बता दें कि कल संसद में केंद्र सरकार ने पूछा गया था कि लॉकडाउन के दौरान देश में कितने प्रवासी मजदूरों की मौत हुई थी और उनके परिवार को कितना मुआवजा दिया गया? इस सवाल के जवाब में केंद्रीय श्रम और रोजगार मंत्रालय ने इसके जवाब में कहा कि मृतकों की संख्या को लेकर कोई डेटा उपलब्ध नहीं है. मंत्रालय ने कहा कि चूंकि इस तरह का डेटा नहीं जुटाया गया था, इसलिए पीड़ितों या उनके परिवारों को मुआवजे का सवाल ही नहीं उठता.
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