नई दिल्ली: दलित के खिलाफ हुए अत्याचार को लेकर आज एक फिर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) और राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) पर बरसे. उन्होंने कहा कि हम बीजेपी-आरएसएस की दमनकारी सोच को मिलकर हराएंगे. राहुल ने एबीपी न्यूज़ का एक वीडियो शेयर करते हुए ट्विटर पर लिखा, ''ये रूह कंपा देने वाला वीडियो मनुवादी सोच का नतीजा है. इससे पहले ये बीमारी हमारे देश में और फैले, हमें इसे रोकना होगा. RSS/BJP की इस दमनकारी सोच को हम सब मिलकर हराएंगे. वक्त है बदलाव का.
पिछले दिनों गुजरात के राजकोट में चोरी के शक में एक दलित की पीट-पीट कर निर्ममतापूर्वक हत्या कर दी गई थी. पुलिस अधिकारी श्रुति मेहता ने कहा, "मुकेश वानिया(40) को राजकोट जिले के शापर-वेरावल क्षेत्र के रडाडिया इंडस्ट्रीज के कर्मचारियों और फैक्ट्री मालिक ने बांध कर बुरी तरह पीटा, जिससे उसकी रविवार देर रात मौत हो गई. उसपर फैक्ट्री से कुछ चुराने का आरोप लगाया गया था."
पूरा घटनाक्रम वहां एक सीसीटीवी में कैद हो गया. वीडियो वायरल होने के बाद लोगों को ऊना कांड की याद आने लगी. जब कथित गौरक्षकों ने दलितों को बांधकर पीटा था. पुलिस ने राजकोट मामले में चार लोगों को गिरफ्तार किया है. राज्य सरकार ने पीड़ित के परिजनों के लिए 8.25 लाख रुपये की वित्तीय सहायता की घोषणा की है. यह घटना उस समय घटी, जब वानिया और उसकी पत्नी चंपाबेन रडाडिया इंडस्ट्रीज के पास कूड़ा बीनने के अपने रोजमर्रा के काम में व्यस्त थे. फैक्ट्री मालिक जयसुख रडाडिया को शक हुआ कि मुकेश फैक्ट्री से कुछ चुराने की कोशिश कर रहा है. उसने और उसके कर्मचारियों ने मुकेश और उसकी पत्नी को पकड़ लिया और एक के बाद एक छड़ी से पिटाई शुरू कर दी.
उनलोगों ने चंपाबेन की पिटाई करने के बाद उसे जाने दिया, लेकिन मुकेश की पिटाई जारी रखी. वे लोग उसे दर्द से तड़पता छोड़ वहां से चले गए, जिसके बाद चंपाबेन कुछ लोगों को साथ लेकर वहां आई और वानिया को राजकोट सिविल अस्पताल में भर्ती कराया, जहां उसे मृत घोषित कर दिया गया.
इस मामले में राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग(एनएचआरसी) ने गुजरात सरकार को नोटिस जारी किया है और राज्य की बीजेपी सरकार को इसका जवाब देने के लिए चार हफ्तों का समय दिया है.