नई दिल्लीः कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने आज एक बार फिर पीएम मोदी पर एक और आर्थिक मामले को लेकर करारा हमला किया है. ट्विटर पर राहुल गांधी ने आईएलएंडएफएस कंपनी (इंफ्रास्ट्रक्चर लीजिंग एंड फाइनेंशियल सर्विसेज) को लेकर पीएम मोदी के ऊपर निशाना साधते हुए पूछा है कि कहीं आपके लिए आईएलएंडएफएस का मतलब आई लव फाइनेंशियल स्कैम तो नहीं हैं.
राहुल गांधी ने अपने ट्वीट में लिखा है कि मोदीजी, आपकी चहेती निजी कम्पनी ILFS डूबने वाली है. आप LIC का पैसा लगाकर उसे बचाना चाहते हो। क्यों? LIC देश के भरोसे का चिन्ह है। एक-एक रुपया जोड़कर लोग LIC की पॉलिसी लेते हैं। उनके पैसे से जालसाजों को क्यों बचाते हो? कहीं आपके लिए ILFS का मतलब ‘I Love Financial Scams' तो नहीं?
दरअसल कुछ घंटे पहले भी राहुल गांधी ने लाइटस, कैमरा, स्कैम नाम से ट्वीट करते हुए फिर चौकीदार शब्द का जिक्र किया और कहा कि चौकीदार की दाढ़ी में तिनका. उन्होंने ट्वीट में लिखा कि
सीन 1: 2007, CM मोदी IL&FS कंपनी को 70,000 करोड़ का प्रोजेक्ट GIFT CITY देते हैं। आजतक कुछ काम नहीं। जालसाजियाँ आईं सामने।
सीन 2: 2018, PM मोदी LIC-SBI में लगे जनता के पैसे से 91000 करोड़ की कर्जदार IL&FS को बेलआउट दे रहे हैं।
“चौकीदार की दाढ़ी में तिनका”
दरअसल सरकारी क्षेत्र की कंपनी आईएलएंडएफएस 91,000 करोड़ रुपये के भारी कर्ज में डूबी है और अब इसको बचाने के लिए इसकी होल्डिंग कंपनी एलआईसी और जापान की ओरिक्स आगे आई हैं. आईएलएंडएफएस ने हाल ही में कुछ लोन पेमेंट में डिफॉल्ट किया है जिसके बाद इसकी खराब आर्थिक हालात की बात सामने आई है. आईएलएंडएएस राइट्स इश्यू के जरिए 4500 करोड़ रुपये जुटाने वाली है और इस राइट्स इश्यू में एलआईसी और ऑरिक्स कंपनी में अपनी हिस्सेदारी बढ़ाने वाले हैं.
फिलहाल आईएलएंडएफएस में एलआईसी की सबसे ज्यादा 25 फीसदी हिस्सेदारी है और जापान की ओरिक्स कंपनी की 23 फीसदी हिस्सेदारी है. इसके अलावा देश के सबसे बड़े सरकारी बैंक एसबीआई की भी इस कंपनी में 7 फीसदी की हिस्सेदारी है. राइट्स इश्यू में इन तीनों ही कंपनियों के आईएलएंडएफएस में हिस्सेदारी बढ़ाएंगी. हालांकि कुछ दिन पहले आरबीआई ने इस कंपनी में हिस्सेदारी को लेकर आगाह भी किया था जिसके बाद कंपनी के शेयरों में तेजी से गिरावट देखी गई थी.
अब इसी मुद्दे को लेकर राहुल गांधी पीएम नरेंद्र मोदी पर हमलावर हैं और आरोप लगा रहे हैं कि आईएलएंडएफएस में हिस्सेदारी खरीदने के जरिए एलआईसी का पैसा खर्च किया जा रहा है जो कि लोगों की गाढ़ी कमाई का पैसा है.