नई दिल्ली: पेट्रोल और डीजल की कीमत को लेकर हाहाकार मचा हुआ है. दोनों की कीमतें नरेंद्र मोदी सरकार के चार साल में सबसे ऊंचे स्तर पर पहुंच गई हैं. अब इसको लेकर विपक्ष भी मोदी सरकार पर हमलावर है.
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने पेट्रोल-डीजल की बढ़ी कीमत को लेकर पीएम मोदी पर हमला किया है. राहुल गांधी ने पीएम मोदी की एक रैली में पेट्रोल डीजल को लेकर दिए बयान का मजाक उड़ाने वाला वीडियो ट्विटर पर डाला है.
इस वीडियो को ट्वीट करते हुए राहुल गांधी ने लिखा, ''गरीब और मिडिल क्लास को ईंधन की बढ़ती कीमतों की चोट सहनी पड़ती है. इस वीडियो में हमारे प्रधानमंत्री निश्चित रूप से किसी और देश के बारे बात कर रहे हैं."
चार साल में कैसे बढ़े पेट्रोल के दाम?
साल 2014 में जब नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री बने उस वक्त पेट्रोल की कीमत 71.51 रूपए प्रति लीटर थी. इसके बाद साल 2015 में यह घटकर 58.91 रूपए प्रति लीटर हो गई. लेकिन इसके बाद लगातार पेट्रोल के दाम बढ़ते रहे. 2016 में 59.35 रूपए प्रति लीटर और 2017 में 70.60 रूपए प्रति लीटर हो गई. 2018 की बात करें तो 73.95 रूपए प्रति लीटर तक पहुंच गई है.
चार साल में कैसे बढ़े डीजल के दाम?
डीजल की कीमतों का हाल भी पेट्रोल की ही तरह है. साल 2014 में डीजल की कीमत 57.28 रूपए प्रति लीटर थी. 2015 में ये घटकर 48.26 रूपए प्रति लीटर हो गई. 2016 में एक फिर कीमतों में गिरावट आई और डीजल 45.03 रूपए प्रति लीटर हो गया. इसके बाद कीमतें बढ़ने का सिलसिला शुरू हुआ. 2017 में ये बढ़कर 57.82 रूपए प्रति लीटर और 2018 में 64.82 रूपए प्रति लीटर तक पहुंच गई है.