राफेल डील: राहुल का मोदी सरकार पर हमला, कहा- लोगों का 130,000 करोड़ रु. छीनकर दोस्तों को दिया
कांग्रेस केंद्र की मोदी सरकार पर फ्रांस के साथ हुए राफेल डील में घोटाले का आरोप लगा रही है. कांग्रेस पार्टी का कहना है कि इस डील के माध्यम से खास उद्योगपतियों को फायदा पहुंचाया गया.
नई दिल्ली: कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने राफेल डील को लेकर एक बार फिर मोदी सरकार पर निशाना साधा है. उन्होंने डील को लूट करार देते हुए कहा कि इसमें 130,000 करोड़ रुपया (एक लाख 30 हजार करोड़ रुपया) आम लोगों का छीनकर दोस्तों को दे दिया गया. उन्होंने कांग्रेस वर्किंग कमेटी (CWC) में राफेल डील पर पूर्व रक्षामंत्री एके एंटनी की रिपोर्ट का जिक्र करते हुए कहा कि जो पहले से ही 45,000 करोड़ रुपये कर्ज में थे उन्हें पैसा दिया गया.
One of the highlights of today’s CWC meeting, was Mr Antony’s brilliant description of the Rafale robbery: 130,000 Cr. stolen from the people of India and given to a friend who was 45,000 crore in debt. #RafaleScam
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) August 4, 2018
कांग्रेस केंद्र की मोदी सरकार पर फ्रांस के साथ हुए राफेल डील में घोटाले का आरोप लगा रही है. कांग्रेस पार्टी का कहना है कि इस डील के माध्यम से खास उद्योगपतियों को फायदा पहुंचाया गया. राहुल गांधी ने अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण की मौजूदगी में कहा था दोनों नेताओं ने देश से झूठ बोला.
पार्टी का कहना है कि सरकार राफेल विमान का प्राइस सार्वजनिक करे. वहीं सरकार का कहना है कि भारत-फ्रांस में संधि की वजह से प्राइस को सार्वजनिक नहीं किया जा सकता है.
आंदोलन करेगी कांग्रेस आपको बता दें कि कांग्रेस कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) ने ''राफेल विमान घोटाले'', बेरोजगारी और कृषि संकट को लेकर नरेंद्र मोदी सरकार के खिलाफ व्यापक जनांदोलन शुरू करने का आज फैसला किया.
इसके साथ ही सीडब्ल्यूसी ने कहा कि असम में राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) से जुड़े ''असम करार'' को लेकर वह प्रतिबद्ध है.पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा, '' कांग्रेस कार्य समिति की बैठक में असम के एनआरसी, मोदी सरकार का भ्रष्टाचार, अर्थव्यवस्था की स्थिति, बेरोजगारी और कृषि संकट पर विस्तार से चर्चा हुई.''
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उन्होंने कहा, ''कार्यसमिति ने माना कि एनआरसी की पूरी प्रक्रिया असम समझौते के तहत शुरू हुई थी. पूरी प्रक्रिया की शुरूआत उस वक्त की कांग्रेस सरकार के समय शुरू हुई. इसका लक्ष्य था कि जो विदेशी अवैध तरीके से आये हैं उनकी पहचान हो.'' सुरजेवाला ने कहा, ''मई 2016 तक असम में तरुण गोगोई की सरकार ने एनआरसी के 80 फीसदी काम को पूरा कर लिया था. कांग्रेस असम समझते के प्रति अपनी प्रतिबद्धता जताती है. इस प्रक्रिया से 40 लाख लोग बाहर रह गए. इसमें हिन्दू बंगाली हैं, सेना के लोग हैं, दूसरे राज्यों के लोगों के नाम भी इसमें हैं.''
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उन्होंने कहा, ''कांग्रेस का यह भी मत है कि हर भारतीय नागरिक को अपनी नागरिकता साबित करने का संपूर्ण और तर्कसंगत अवसर मिलना चाहिए.'' सुरजेवाला ने आरोप लगाया, ''भाजपा पूरी प्रक्रिया को सामाजिक तानेबाने को तोड़ने के लिए इस्तेमाल कर रही है. इसका कारण है कि मोदी सरकार अपनी नाकामियों से देश का ध्यान भटकाना चाहती है. कार्यसमिति ने कांग्रेस कार्यकर्ताओं का आह्वान किया कि वे इस षडयंत्र को नाकाम करें.''
उन्होंने कहा, ''राफेल पर मोदी और निर्मला सीतारमण किस कारण से राफेल की कीमत बताने से इनकार कर रहे हैं? क्या 48000 करोड़ रुपये का सरकारी खजाने को चूना लगा है उससे भाग रहे हैं? क्या प्रधानमंत्री ने सुरक्षा मामले की कैबिनेट की अहवेलना नहीं की ?
उन्होंने कहा, ''बैंकिग घोटाले पर भी मन्त्रणा हुई. मेहुल चौकसी को एंटीगुआ की नागरिकता दिलाने के लिए मोदी सरकार के इशारे पर विदेश मंत्रालय ने क्लीन चिट दी थी. इस बात का भी संज्ञान लिया गया कि ईडी और सीबीआई ने समय रहते रेड कॉर्नर नोटिस जारी करने के लिए पहल नहीं की. मोदी सरकार भगोड़ा को भगाने में संलिप्त है.''
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