CBI विवाद: SC के फैसले पर बोले राहुल- वर्मा राफेल की जांच करने वाले थे इसलिए हटाया, मोदी को कोई नहीं बचा सकता
अलोक वर्मा ने इस फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील की थी. सूत्रों के हवाले से खबर है कि सीबीआई निदेशक आलोक वर्मा सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद आज ही सीबीआई मुख्यालय जाकर ज्वाइन कर सकते हैं. बता दें कि आलोक वर्मा इसी महीने रिटायर हो रहे हैं.
नई दिल्ली: सीबीआई बनाम सीबीआई विवाद में सुप्रीम कोर्ट से मोदी सरकार को बड़ा झटका लगा है. सुप्रीम कोर्ट से सीबीआई निदेशक आलोक वर्मा को छुट्टी पर भेजे जाने का फैसला रद्द कर दिया है. 75 दिन बाद वर्मा की पद पर फिर से बहाली हो गई है. सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद विपक्ष सीबीआई के मुद्दे पर सरकार पर एक बार फिर हमलावर हो गया है. कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी इस पूरे मामले को राफेल से जोड़ दिया. राहुल गांधी ने कहा कि सीबीआई चीफ राफेल मामले की जांच करने वाले थे इसलिए उन्हें रात में एक बजे हटाया गया.
राहुल गांधी ने कहा, ''सीबीआई चीफ को रात एक बजे निकाला, क्योंकि वो राफेल मामले की जांच करने वाले थे. अब सीबीआई चीफ वापस आ गए हैं. थोड़ा तो न्याय मिला है, देखिए अब आगे क्या होता है. कुछ भी प्रधानमंत्री को राफेल मामले से नहीं बचा सकता है. पुख्ता सुबूत हैं कि प्रधानमंत्री ने अपने दोस्त अनिल अंबानी को जनता के 30,000 करोड़ रुपये दिए."
राहुल गांधी ने कहा, ''रक्षा मंत्री ढाई घंटे बोलीं लेकिन मेरे सवालों का जवाब नहीं दिया. मेरा सीधा सा सवाल है, जब प्रधानमंत्री मोदी ने राफेल की पुरानी डील को बदला तो क्या रक्षा मंत्रालय के अधिकारियों और वायुसेना के अधिकारियों ने विरोध किया था? इसका जवाब हां या ना में दें. मोदी जी बहस से भाग गए, जनता के मुद्दे पर बात होनी चाहिए. राफेल एक सच्चाई है और सच्चाई से मोदी से बच नहीं सकते.''
वित्त मंत्री बोले- फैसला सरकार के लिए वित्त मंत्री ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट का फैसला बेहद संतुलित है, ये सरकार के लिए कोई झटका नहीं है. जेटली ने कहा, ''सीबीआई का कानून है कि भ्रष्टाचार के मामले में अधिकार सीवीसी का है और हटाने का अधिकार एक समिति का है. सरकार की मंशा साफ सुथरी जांच की थी. ये क़ानूनी मामला है. सरकार ने सीबीआई डायरेक्टर आलोक वर्मा को छुट्टी पर भेजने का फैसला CVC की सिफारिशों के बाद लिया था.''
क्या है आलोक वर्मा पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला? सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा है कि वर्मा फिलहाल कोई नीतिगत फैसला नहीं ले पाएंगे. इसके साथ ही तीन सदस्यों वाली चयन समिति (प्रधानमंत्री, लोकसभा में सबसे बड़ी पार्टी के नेता और सीजेआई) एक हफ्ते के भीतर बैठक कर आलोक वर्मा पर अपना फैसला दे. सीबीआई के दो सबसे बड़े अफसरों आलोक वर्मा और राकेश अस्थाना को आपस के झगड़े के बाद 22 अक्टूबर को छुट्टी पर भेजा गया था.
अलोक वर्मा ने इस फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील की थी. सूत्रों के हवाले से खबर है कि सीबीआई निदेशक आलोक वर्मा सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद आज ही सीबीआई मुख्यालय जाकर ज्वाइन कर सकते हैं. बता दें कि आलोक वर्मा इसी महीने रिटायर हो रहे हैं.