Rahul Gandhi Bail Hearing: कांग्रेस नेता और अयोग्य करार दिए गए सांसद राहुल गांधी को 3 अप्रैल को सूरत कोर्ट से मानहानि के मामले में जमानत मिल गई. राहुल गांधी ने 23 मार्च को सुनाई गई अपनी सजा के खिलाफ सूरत की सेशन कोर्ट में अपील दायर की थी. इस दौरान राहुल गांधी की लीगल टीम ने जोरदार तर्कों के साथ सजा के फैसले को चुनौती दी. राहुल गांधी ने कोर्ट में बीजेपी नेता पूर्णेश मोदी की शिकायत पर ही सवाल उठाया और कहा कि इस मामले में आपराधिक मानहानि का मुकदमा दायर करने का अधिकार केवल नरेंद्र मोदी को है.


राहुल गांधी ने तर्क दिया कि हिंदू समाज के अतिरिक्त मोदी सरनेम का इस्तेमाल मुसलमान और पारसी समाज में भी किया जाता है. याचिका में कहा गया कि 13 करोड़ मोदी हैं और साफ है कि सभी 13 करोड़ लोगों को शिकायत दर्ज करने का अधिकार नहीं होगा, क्योंकि यह पहचान योग्य, निश्चित, निर्धारित समूह या व्यक्तियों का संग्रह नहीं है.


मोदी समाज को बदनाम करने का साक्ष्य नहीं


2019 की एक चुनावी सभा में राहुल गांधी ने कहा था, "ललित मोदी, नीरव मोदी, नरेंद्र मोदी, कैसे सभी चोरों के कॉमन सरनेम मोदी होते हैं." इस बयान के खिलाफ गुजरात में बीजेपी के विधायक पूर्णेश मोदी ने शिकायत दर्ज कराई थी जिस पर राहुल गांधी को सजा हुई. 


राहुल गांधी ने शिकायत पर सवाल उठाते हुए कहा कि पूर्णेश मोदी इस मामले में पीड़ित व्यक्ति नहीं है. उन्होंने मोदी समाज के रूप में किसी को बदनाम नहीं किया. यह भी दावा किया कि शिकायतकर्ता ने शिकायतकर्ता ने ऐसा कोई साक्ष्य या रिकॉर्ड पेश नहीं किया जिसमें पूरे मोदी समाज को बदनाम किया गया हो.


'केवल नरेंद्र मोदी कर सकते हैं शिकायत'


राहुल गांधी ने कहा, ''मोध वणिक समाज और मोध घांची समाज ऐसे समुदाय हैं जो सालों से एक साथ मौजूद हैं. मोध घांची समाज या मोध वणिक समाज से संबंधित संविधान और अन्य दस्तावेजों को रिकॉर्ड पर लाया गया है और यह दिखाने का प्रयास किया गया है कि वे लंबे समय से मौजूद हैं लेकिन प्रतिवादी/शिकायतकर्ता द्वारा पेश किए गए इन दस्तावेजों में कहीं भी मोदी समाज का जिक्र नहीं है."


राहुल गांधी ने कोर्ट से कहा, "व्यक्तिगत रूप से श्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ जो कथित लांछन लगाया गया है, उसके लिए केवल नरेंद्र मोदी को मानहानि के अपराध से पीड़ित व्यक्ति के रूप में माना जा सकता है और केवल नरेंद्र मोदी ही इसके लिए शिकायत दर्ज कर सकते हैं. पूर्णेश मोदी प्रतिवादी/शिकायतकर्ता को कोई अधिकार नहीं है उनकी ओर से शिकायत दर्ज करें."


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