Savarkar Photo In Bharat Jodo Yatra: कन्याकुमारी (Kanyakumari) से कश्मीर (Kashmir) तक निकाली जा रही कांग्रेस (Congress) की भारत जोड़ो यात्रा (Bharat Jodo Yatra) पहले दिन से ही चर्चा में है. अब इस यात्रा की चर्चा एक बार फिर हो रही है. ये यात्रा आज कोच्चि पहुंच रही है. इस यात्रा के स्वागत के लिए कोच्चि में जगह-जगह पोस्टर (Poster) लगाए गए. इन पोस्टर्स में स्वतंत्रता सेनानियों (Freedom Fighters) के फोटो लगाए गए. इन्ही स्वतंत्रता सेनानियों में एक तस्वीर सावरकर (Savarkar) की भी थी. जब इस बात का पता कांग्रेस कार्यकर्ताओं को पता चला तो आनन फानन में सावरकर की जगह गांधी जी (Gandhi Ji) की फोटो चस्पा कर दी.


सात सितंबर को कन्याकुमारी से शुरू हुई यात्रा गुरुवार को कोच्चि पहुंचेगी. यहां राहुल गांधी प्रेस कॉन्फ्रेंस भी करेंगे. यात्रा के स्वागत के लिए यहां लंबे-लंबे बैनर लगाए गए हैं, जिसमें स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों की फोटो है. एक बैनर में गोविंद बल्लभ पंत और चंद्रशेखर आजाद की फोटो के बीच में विनायक दामोदर सावरकर की भी फोटो लगी थी. जैसे ही इसकी जानकारी कांग्रेसियों को लगी, तुरंत गांधी जी का एक पोस्टर मंगाया और सावरकर की फोटो के ऊपर लगा दिया. सोशल मीडिया पर इसके फोटो और वीडियो वायरल हो रहे हैं.






‘बीजेपी-आरएसएस के लोगों ने प्रिट किया पोस्टर’


इस मामले पर कांग्रेस की ओर से प्रतिक्रिया देते हुए भारत जोड़ो यात्रा के संयोजक के सुरेश ने कहा है कि उन्हें लगता है कि जिस व्यक्ति ने ये बैनर प्रिंट किया है वो बीजेपी या आरएसएस का रहा होगा और उसने ये जानबूझकर किया है. कांग्रेस कार्यकर्ता बैनर पर सावरकर की फोटो लगाने के लिए कभी नहीं कहेगा. हम इसकी जांच करेंगे. उन्होंने कहा कि हमारे नेतृत्व ने इस मामले पर तुरंत एक्शन लिया है और यहां के स्थानीय नेता को सस्पेंड कर दिया है.


अमित मालवीय ने किया ट्वीट


तो वहीं बीजेपी (BJP) ने इस मामले को भुनाने की पूरी कोशिश की है. बीजेपी की आईटी सेल (IT Cell) के प्रमुख अमित मालवीय (Amit Malviya) ने भारत जोड़ो यात्रा (Bharat Jodo Yatra) की इस तस्वीर को ट्वीट (Tweet) किया. उन्होंने लिखा, ‘एर्नाकुलम में कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा में वीर सावरकर (Veer Savarkar) की फोटो भी है. देर से ही सही, राहुल गांधी (Rahul Gandhi) के लिए ये अच्छा रियलाइजेशन है, जिनके परनाना नेहरू ने पंजाब (Punjab) के नाभा जेल से सिर्फ दो हफ्ते में ही बाहर आने के लिए अंग्रेजों से गुहार लगाई थी और एक दया याचिका पर हस्ताक्षर किए थे.


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