Rahul Gandhi: नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने सोमवार को बजट पर चर्चा के दौरान महाभारत के कुरुक्षेत्र युद्ध का जिक्र किया. इस दौरान उन्होंने चक्रव्यूह में फंसाकर अभिमन्यु को मारने की बात भी की. राहुल गांधी ने कुरुक्षेत्र के चक्रव्यूह की तुलना आज की सरकार से की. उन्होंने लोकसभा में कहा, "हजारों साल पहले हरियाणा में कुरुक्षेत्र के युद्ध में एक युवक अभिमन्यु को 6 लोगों ने चक्रव्यूह में फंसा कर मारा था. अभिमन्यु को चक्रव्यूह में फंसा कर 6 लोगों ने मारा."


राहुल गांधी ने आगे चक्रव्यूह की तुलना करते हुए बीजेपी के चुनाव चिन्ह का जिक्र किया और कहा, "मैंने चक्रव्यूह के बारे में थोड़ी रिसर्च की तो मुझे पता चला कि चक्रव्यूह का एक और नाम होता है पद्मव्यूह (लोटस फॉर्मेशन). तो चक्रव्यूह कमल के आकार में होता है. 21वीं सदी में एक नया चक्रव्यूह तैयार हुआ है. वो भी कमल के आकार में है. उसका चिन्ह प्रधानमंत्री अपनी छाती पर लगा कर चलते हैं." अपने संबोधन में राहुल गांधी ने कहा कि जो अभिमन्यु के साथ हुआ वो हिंदुस्तान के साथ किया गया है. युवाओं, किसानों, माताओ-बहनों, छोटे और मध्यम व्यापारों के साथ भी बजट में वही किया गया जो अभिमन्यु के साथ चक्रव्यूह में किया गया था.


राहुल गांधी ने गिनाए आज के चक्रव्यूह


नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने अपने संबोधन में पेपरलीक चक्रव्यूह, बेरोजगारी चक्रव्यूह कहते हुए युवाओं के साथ हुए धोखे की बात की. उन्होंने कहा कि सेना के जवानों को अग्निवीर के चक्रव्यूह में फंसाया गया. राहुल गांधी ने कहा कि किसानों के लिए भी सरकार ने तीन कृषि कानूनों का चक्रव्यूह रचा. इसी के साथ राहुल गांधी ने आश्वासन देते हुए कहा कि उनकी सरकार आएगी तो इन चक्रव्यूहों को तोड़ा जाएगा.


अभिमन्यु और चक्रव्यूह पर बात करते हुए राहुल गांधी ने अभिमन्यु को चक्रव्यूह में मारने वाले 6 किरदारों की तुलना आज के 6 किरदारों से कर डाली. राहुल गांधी ने कहा, "अभिमन्यु को जिन 6 लोगों ने मारा था, उनके नाम हैं- द्रोणाचार्य, कर्ण, कृपाचार्य, कृतवर्मा, अश्वत्थामा और शकुनी. आज भी चक्रव्यूह में 6 लोग हैं. तब भी चक्रव्यूह को 6 लोग कंट्रोल कर रहे थे और आज भी 6 लोग कंट्रोल कर रहे हैं उनके नाम हैं- नरेंद्र मोदी, अमित शाह, मोहन भागवत, अजित डोवाल, अडाणी और अंबानी."  


'मोनोपॉली बनाने की हो रही कोशिश'


राहुल गांधी ने कहा कि चक्रव्यूह को तीन ताकतें चला रही हैं. पहली जिसमें आर्थिक एकाधिकार बनाया जा रहा है, जिसमें दो लोगों को भारत की पूरी संपदा देने की साजिश की जा रही है. पहली है आर्थिक ताकत, दूसरी है इंस्टीट्यूट की ताकत और तीसरी है राजनीतिक ताकत. ये तीनों चक्रव्यूह के केंद्र में हैं. इस बजट ने चक्रव्यूह की ताकत कम कर दी है. इस बजट की नीयत मोनोपॉली बिजनेस, राजनीतिक मोनोपॉली और डीप स्टेट और एजेंसी को मजबूत करने के लिए किया गया है. 


ये भी पढ़ें: संसद में किसके लिए राहुल गांधी ने कहा, नाम नहीं ले सकता तो 3 और 4 बोल देता हूं