अभिजीत बनर्जी के बहाने राहुल गांधी का सरकार पर निशाना, कहा- गरीबी को बढ़ा रही है 'मोदीनॉमिक्स'
अर्थशास्त्र का नोबेल पुरस्कार संयुक्त रूप से अभिजीत बनर्जी के साथ एस्थर डुफ्लो और माइकल क्रेमर को मिला है. बता दें कि अभिजीत बनर्जी के साथ उनकी पत्नी एस्थर डुफ्लो को भी इस प्रतिष्ठित पुरस्कार से सम्मानित किया गया है.
नई दिल्ली: भारतीय मूल के अमेरिकी अर्थशास्त्री अभिजीत बनर्जी को अर्थशास्त्र का नोबेल पुरस्कार मिला है. इसी बहाने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने अर्थव्यवस्था पर मोदी सरकार की नीतियों को निशाने पर लिया है. राहुल गांधी ने 'मोदीनॉमिक्स' शब्द का प्रयोग तक तंज भी कसा है. उन्होंने कहा कि 'मोदीनॉमिक्स' से देश की अर्थव्यवस्था बर्बाद हो रही है और गरीबी बढ़ रही है. बता दें कि अभिजीत बनर्जी के साथ ही उनकी पत्नी एस्थर डुफ्लो और माइकल क्रेमर को भी नोबल पुरस्कार से सम्मानित किया गया है.
राहुल गांधी ने ट्वीट किया, ''अभिजीत बनर्जी को अर्थशास्त्र में नोबेल पुरस्कार जीतने पर बधाई. अभिजीत ने 'न्याय' की अवधारणा में मदद की जो गरीबी को नष्ट करने और भारतीय अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने की शक्ति थी. इसके बजाय अब हमारे पास मोदीनॉमिक्स है, जो अर्थव्यवस्था को नष्ट कर रही है और गरीबी को बढ़ा रही है.''
Congratulations to #AbhijitBanerjee on winning the Nobel Prize in Economics. Abhijit helped conceptualise NYAY that had the power to destroy poverty and boost the Indian economy. Instead we now have Modinomics, that’s destroying the economy and boosting poverty. https://t.co/joBYusVFKT
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) October 14, 2019
राहुल गांधी के अलावा कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने भी अभिजीत बनर्जी, एस्थर डुफ्लो और माइकल क्रेमर को नोबेल पुरस्कार जीतने के लिए बधाई दी. उन्होंने कहा, ''इस शानदार उपलब्धि से अपने मूल राष्ट्र को गौरवान्वित करने के अलावा, "वैश्विक गरीबी को कम करने के लिए प्रायोगिक दृष्टिकोण" में प्रोफेसर बनर्जी और उनके साथियों ने काम किया. इसने भारत समेत दुनिया भर में लाखों लोगों की गरीबी से बाहर आने में मदद की.''
भारतीय मूल के अभिजीत बनर्जी को पत्नी सहित मिला अर्थशास्त्र का नोबेल पुरस्कार
कौन हैं अभिजीत बनर्जी? अभिजीत बनर्जी का जन्म मुंबई में हुआ, उनके माता-पिता भी अर्थशास्त्र के प्रोफेसर थे. उनके पिता कोलकाता के मशहूर प्रेसिडेंसी कॉलेज में अर्थशास्त्र विभाग के प्रमुख थे. अभिजीत बनर्जी ने कोलकाता यूनिवर्सिटी में शुरुआती पढ़ाई की. इसके बाद अर्थशास्त्र में एमए के लिए जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय आ गए.
इसके बाद उन्होंने हावर्ड यूनिवर्सिटी से अर्थशास्त्र में साल 1988 में पीएचडी की. 58 साल के अभिजीत बनर्जी फिलहाल अमेरिका की मेसाचुसेट्स यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर हैं. बता दें कि 21 साल बाद अर्थशास्त्र का नोबल किसी भारतीय मूल के अर्थशास्त्री को मिला है, इससे पहले 1998 में प्रोफेसर अमर्त्य सेन को ये सम्मान मिला था.
जानें कौन हैं अर्थशास्त्र में भारत को दूसरा नोबेल पुरस्कार दिलाने वाले अभिजीत बनर्जी
अभिजीत और इनकी पत्नी डुफलो अब्दुल लतीफ जमील पॉवर्टी ऐक्शन लैब के को-फाउंडर भी हैं. बनर्जी संयुक्तराष्ट्र महासचिव की ‘2015 के बाद के विकासत्मक एजेंडा पर विद्वान व्यक्तियों की उच्च स्तरीय समिति’ के सदस्य भी रह चुके हैं.
लगातार अर्थशास्त्र पर लेख लिखने वाले अभिजीत बनर्जी ने चार किताबें भी लिखी हैं. उनकी किताब पुअर इकनॉमिक्स को गोल्डमैन सैक्स बिजनेस बुक ऑफ द ईयर का खिताब भी मिला. अभिजीत ने दो डॉक्यूमेंटरी फिल्मों का डायरेक्शन भी किया है. उन्होंने संयुक्त राष्ट्र में भी अपनी सेवाएं दी हैं.