Congress Bharat Jodo Nyay Yatra: कांग्रेस नेता राहुल गांधी की भारत जोड़ो न्याय यात्रा में रविवार (18 फरवरी, 2024) को सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य और विधायक पल्लवी पटेल नहीं शामिल होंगे. दोनों दिग्गजों को तय कार्यक्रम के मुताबिक, यूपी के प्रयागराज (राहुल के पूर्वजों का शहर) में न्याय यात्रा में हिस्सा लेना था मगर ऐन मौके पर दोनों का प्लान बदल गया. ऐसे में सियासी गलियारों में राहुल गांधी की न्याय यात्रा के लिए यह बड़े सियासी झटके के तौर पर माना जा रहा है.


स्वामी प्रसाद मौर्य और पल्लवी पटेल दोनों ही प्रयागराज नहीं पहुंचे हैं. स्वामी प्रसाद मौर्य लखनऊ से रायबरेली के लिए रवाना हुए हैं, जबकि पल्लवी पटेल कल वाराणसी में यात्रा में शामिल होने के बाद लखनऊ चली गई हैं. बताया जा रहा है कि पल्लवी पटेल कल वाराणसी में उचित सम्मान नहीं मिलने की वजह से नाराज हैं. पल्लवी पटेल के करीबियों का कहना है कि वह क्यों नहीं शामिल हो रही हैं, इसका जवाब राहुल गांधी ही देंगे. कयास लगाए जा रहे हैं कि अखिलेश यादव की नाराजगी की चर्चाओं के चलते राहुल गांधी ने स्वामी प्रसाद मौर्य और पल्लवी से फिलहाल दूरी बनाए रखने का फैसला किया है. 


अखिलेश यादव की नाराजगी तो नहीं इस दूरी का कारण?


सूत्रों के मुताबिक, स्वामी प्रसाद मौर्य और पल्लवी के राहुल गांधी की न्याय यात्रा में शामिल होने की खबरों से अखिलेश यादव नाराज बताए जा रहे थे. पल्लवी पटेल के पति और अपना दल कमेरावादी के राष्ट्रीय महासचिव पंकज निरंजन ने भी नाराजगी और यात्रा में शामिल नहीं होने की पुष्टि की है. हालांकि उन्होंने नाराजगी की वजह नहीं बताई है. उनका भी यही कहना है कि पल्लवी पटेल के लखनऊ चले आने की वजह का जवाब राहुल गांधी और कांग्रेस के लोग ही देंगे. स्वामी प्रसाद मौर्य के सहयोगियों ने बताया है कि उन्हें इस बात की जानकारी मिली थी कि प्रयागराज में न्याय यात्रा का कार्यक्रम रद्द हो गया है. इसलिए स्वामी प्रसाद मौर्य ने रायबरेली में अपना कार्यक्रम तय कर लिया. अगर कांग्रेस पार्टी की तरफ से आगे की यात्रा के बारे में जानकारी दी जाएगी तो उस पर विचार किया जाएगा.


समाजवादी पार्टी के एक और बड़े नेता ने किया किनारा


वहीं, चर्चा है कि प्रयागराज में समाजवादी पार्टी के एक और कद्दावर नेता को आज (18 फरवरी) राहुल गांधी की भारत जोड़ो न्याय यात्रा में शामिल होना था, लेकिन अब उन्होंने भी अपना फैसला बदल लिया है और यात्रा से दूरी बना ली है. स्वामी प्रसाद मौर्य और पल्लवी पटेल के शामिल नहीं होने से उनके समर्थक भी न्याय यात्रा का हिस्सा नहीं बनेंगे.