Rahul Gandhi Convoy Stopped In Manipur: कांग्रेस नेता राहुल गांधी गुरुवार (29 जून) को हिंसाग्रस्त मणिपुर का दौरा करने पहुंचे थे. इंफाल पहुंचने के बाद वह राहत शिविरों का दौरा करने के लिए चुराचांदपुर की तरफ जा रहे थे. इतने में पुलिस ने उनके काफिले को रोक दिया और उन्हें आगे नहीं जाने दिया गया. कांग्रेस का आरोप है कि बीजेपी सरकार ने पुलिस लगाकर राहुल को रास्ते में रोक दिया. हालांकि, बीजेपी ने भी इन आरोपों का पलटवार किया है. 


बीजेपी प्रवक्ता संबित पात्रा (Sambit Patra) ने गुरुवार (29 जून) को कहा, "जब राहुल गांधी सुबह 11 बजे इंफाल में उतरे और उसके पहले भी उनको और उनके दफ्तर से अपील भी की गई कि आप यहां की स्थिति की संवेदनशीलता को देखते हुए हेलीकॉप्टर से आगे जाएं लेकिन वह नहीं माने. उनको यह भी बताया गया कि कई लोग उनके खिलाफ आगे नारेबाजी कर रहे हैं. कई संगठनों ने भी उनके दौरे के खिलाफ आवाज बुलंद की." 


'गो बैक' के नारे लगाए गए


संबित पात्रा ने कहा, "इन सबके बावजूद राहुल गांधी नहीं माने और वे जिद करके आगे बढ़ गए. इसी को लेकर राहुल का विरोध हो गया. लोगों ने उनके खिलाफ 'गो बैक' के नारे भी लगाए. लोग उनसे सवाल कर रहे हैं कि आखिर कांग्रेस ने इतनी गलतियां पहले क्यों की थी, आज तक वो मसले हल नहीं हो सके हैं. जिस जिद्द के साथ वह आए वो ठीक नहीं है. संवेदनशील जगहों पर जागरूकता के साथ जाना चाहिए." 


'अमित शाह भी हेलीकॉप्टर से गए थे' 


उन्होंने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के दौरे का जिक्र करते हुए कहा कि जब अमित शाह मणिपुर में हालातों का जायजा लेने पहुंचे थे तो वहां तीन स्थानों पर हेलीकॉप्टर सर्विस दी गई थी. इसमें चुराचांदपुर भी शामिल था. केवल 2500 रुपये इसकी कीमत है. इसे देने के बाद आप चुराचांदपुर जा सकते हैं लेकिन राहुल मानते नहीं हैं उन्हें मोहब्बत की दुकान खोलने की जल्दी है. किसी से भी बिना चर्चा किए, जिद्द करते हुए वो निकल गए."


स्टूडेंट यूनियन ने भी किया था विरोध- संबित पात्रा
 
पात्रा ने कहा, "जब से मणिपुर के लोकल न्यूज चैनल में उनके (राहुल) दौरे की खबर चल रही है तब से इसका विरोध हो रहा है. मणिपुर में स्टूडेंट यूनियन ने भी इसका विरोध किया था. उन्होंने अपील की थी कि राहुल इस परिस्थिति में न आएं. इसके साथ ही सिविल सोसाइटी ऑर्गेनाइजेशन भी इसके खिलाफ थी. उन्होंने कहा था राहुल यहां न आएं और चिंगारी भड़काने की कोशिश न करें."


संबित पात्रा ने कहा, "मणिपुर में कई लीगेसी इश्यू (विरासत का मुद्दे) है. आज जो परिस्थिति मणिपुर की हम देख रहे हैं इन सबके पीछे कांग्रेस पार्टी का बहुत बड़ा हाथ है." हालांकि, उन्होंने कहा कि वह इन मुद्दों को अभी उठाना नहीं चाहते हैं क्योंकि मणिपुर के हालात अभी सही नहीं हैं. 


संबित पात्रा के बयान पर पलटवार


कांग्रेस नेता सुप्रिया श्रीनेत ने संबित पात्रा के बयानों का पलटवार किया है. उन्होंने कहा, " शर्म आनी चाहिए उन लोगों को जो ऐसा बयान दे रहे हैं. राहुल गांधी वहां लोगों को ढांढस बनाने जा रहे हैं. संबित पात्रा से हमें नसीहत नहीं चाहिए. वो इंचार्ज हैं मणिपुर के. उनकी और उनकी पार्टी की क्या जवाबदेही है. जिस भी मध्यम से जाएं राहुल गांधी जायेंगे जरूर. जब मणिपुर जल रहा है तब बीजेपी इसे विरासत का मुद्दा बता रही है"


कांग्रेस ने क्या लगाया आरोप?


कांग्रेस ने अपने आधिकारिक हैंडल से ट्वीट किया, "राहुल गांधी मणिपुर हिंसा के पीड़ितों से मिलने जा रहे थे. बीजेपी सरकार ने पुलिस लगाकर उन्हें रास्ते में रोक दिया. राहुल शांति का संदेश लेकर मणिपुर गए हैं. सत्ता में बैठे लोगों को शांति, प्रेम, भाईचारे से सख्त नफरत है. लेकिन उन्हें याद रखना चाहिए कि ये देश गांधी के रास्ते पर चलेगा, ये देश प्यार के रास्ते पर चलेगा."






जयराम रमेश ने भी लगाए आरोप 


कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने भी ट्वीट कर लिखा, "ये बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि मोदी सरकार राहुल गांधी को राहत शिविरों का दौरा करने और इंफाल के बाहर लोगों से बातचीत करने से रोक रही है. उनकी दो दिवसीय मणिपुर यात्रा भारत जोड़ो यात्रा की भावना के अनुरूप है. प्रधानमंत्री चुप रहना या निष्क्रिय रहना चुन सकते हैं, लेकिन मणिपुरी समाज के सभी वर्गों को सुनने और उन्हें राहत देने के राहुल गांधी के प्रयासों को क्यों रोका जाए?"


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