दो दिनों से दिल्ली में जमे हैं पायलट-गहलोत, राहुल गांधी ने राजस्थान के सीएम को नहीं दिया मिलने का वक्त
बड़ी बात ये है कि दो दिनों में राहुल गांधी ने गहलोत को मिलने का वक्त नहीं दिया. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट दो दिनों से दिल्ली में जमे हैं.
नई दिल्ली: लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के सफाए के बाद से राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर सवाल उठने लगे थे. हालांकि फिलहाल संकेत मिल रहे हैं कि राहुल की नाराजगी के बावजूद अब तक फैसला नहीं हुआ है. बड़ी बात ये है कि दो दिनों में राहुल गांधी ने गहलोत को मिलने का वक्त नहीं दिया.
सूत्रों के मुताबिक कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के साथ-साथ मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ और छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से भी नाराज हैं क्योंकि तीनों ही राज्यों में चंद महीनों पहले ही कांग्रेस की सरकार बनी लेकिन लोकसभा चुनाव में पार्टी की करारी हार हुई. ऐसे में गहलोत पर कार्रवाई करने की स्थिति में कमलनाथ और बघेल को भी रुखसत करना होगा. यही वजह है कि फैसला लेने में देरी हो रही है.
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट दो दिनों से दिल्ली में जमे हैं. सूत्रों के मुताबिक दो दिनों में राहुल गांधी ने गहलोत को मिलने का वक्त भी नहीं दिया है. मंगलवार दोपहर को गहलोत और पायलट राहुल गांधी के घर पहुंचे जरूर लेकिन उनकी मुलाकात राहुल की बजाय प्रियंका गांधी से हुई.
इन सब के बीच सचिन पायलट के खेमे ने हार नहीं मानी है और वो गहलोत के इस्तीफे को लेकर लगातार दबाव बना रहे हैं. पायलट खेमे का तर्क है कि अगर सचिन पायलट के मुख्यमंत्री रहते चुनाव में इतनी बुरी हार होती तो अब तक वो पायलट को कुर्सी से हटा चुके होते. अब यही बात गहलोत के लिए लागू क्यों नहीं हो सकती? इस बीच बुधवार को राजस्थान प्रदेश कांग्रेस राहुल गांधी के इस्तीफे की पेशकश के खिलाफ और उन्हें अध्यक्ष बने रहने का अनुरोध करेगी. हालांकि सवाल बरकरार है राजस्थान में शून्य पर सिमटने को लेकर किसकी जिम्मेदारी तय होती है?
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