Rahul Gandhi Defamation Case: राहुल गांधी को मोदी सरनेम मामले में सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है. जिसके बाद अब उनकी संसद सदस्यता बहाल होगी. राहुल की तरफ से हाईकोर्ट के उस फैसले को चुनौती दी गई थी, जिसमें उनकी दो साल की सजा को बरकरार रखा गया था. सुप्रीम कोर्ट ने इस सजा पर रोक लगाने का फैसला सुनाया है. इस दौरान कोर्ट में याचिकाकर्ता और राहुल गांधी के वकीलों ने अपनी दलीलें रखीं. तमाम दलीलों और तर्कों को सुनने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने अपना ये फैसला सुनाया.
दो साल की सजा पर सिंघवी ने जताई हैरानी
राहुल गांधी की तरफ से सुप्रीम कोर्ट में पेश हुए सीनियर एडवोकेट अभिषेक मनु सिंघवी ने राहुल गांधी को दी गई दो साल की सजा पर हैरानी जताई. उन्होंने कहा कि कोर्ट की तरफ से किसी मानहानि मामले में दो साल की सजा सुनाया जाना काफी रेयर है. ये कोई अपहरण, बलात्कार और हत्या का मामला नहीं है, जिसमें दोषी को अधिकतम सजा जाए. सिंघवी ने आगे कहा कि अधिकम सजा का असर राहुल गांधी को अगले 8 साल तक के लिए चुप कराने जैसा होगा. क्योंकि इस फैसले के बाद वो कोई चुनाव नहीं लड़ पाएंगे.
जस्टिस गवई ने किया पुराने मामलों का जिक्र
इसी बीच जस्टिस बीआर गवई ने सिंघवी को टोकते हुए कहा कि फैसला सुनाने वाले जज राहुल गांधी के पुराने आपराधिक मामलों की भी बात करते हैं. इस पर सिंघवी ने जवाब देते हुए कहा कि राहुल के खिलाफ इससे पहले एक मानहानि का मामला दर्ज था, जिसमें उन्होंने माफी मांग ली थी. इसके अलावा सभी मामले बीजेपी कार्यकर्ताओं की तरफ से की गई शिकायतों के आधार पर दर्ज किए गए हैं.
हाईकोर्ट ने 66 दिन बाद सुनाया फैसला
सिंघवी ने आगे कहा कि वो (राहुल गांधी) कोई कट्टर अपराधी नहीं हैं. उन्हें किसी भी मामले में कोई सजा नहीं हुई है. उन्होंने जोर देकर कहा, "राजनीति में कुछ आपसी सम्मान होना चाहिए. मैं अपराधी नहीं हूं." इस दौरान सिंघवी ने ये भी सुप्रीम कोर्ट को बताया कि हाईकोर्ट ने फैसला सुरक्षित रखने के 66 दिन बाद आदेश पारित किया.
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