Rahul Gandhi Defamation Case: वायनाड से कांग्रेस सांसद राहुल गांधी को प्रधानमंत्री मोदी के सरनेम को लेकर किए कमेंट के मामले में आज (23 मार्च) को सूरत की डिस्ट्रिक्ट कोर्ट ने सजा सुनाई है. कोर्ट ने राहुल गांधी को सजा सुनाते हुए दो साल की सजा सुनाई. हालांकि इसके बाद उन्हें जमानत मिल गई, लेकिन उनकी संसद सदस्यता पर अभी भी तलवार लटकी हुई है. कोर्ट के फैसले के बाद कई नेता राहुल के समर्थन पर आ गए हैं.
दिल्ली के सीएम और आम आदमी पार्टी के अध्यक्ष अरविंद केजरीवाल ने राहुल गांधी का समर्थन किया. उन्होंने आरोप लगाया कि गैर बीजेपी नेताओं और पार्टियों पर मुकदमे करके उन्हें खत्म करने की साजिश हो रही है. केजरीवाल ने कहा कि हमारे कांग्रेस से मतभेद हैं, मगर राहुल गांधी को इस तरह मानहानि मुकदमे में फंसाना ठीक नहीं है. उन्होंने कहा कि जनता और विपक्ष का काम है सवाल पूछना. हम अदालत का सम्मान करते हैं, लेकिन हम इस निर्णय से असहमत हैं.
सच बोलने की मिल रही है सजा
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि ये न्यू इंडिया है, अन्याय के खिलाफ आवाज उठाओगे तो ED-CBI, पुलिस, FIR सबसे लाद दिए जाओगे. राहुल गांधी को भी सच बोलने की, तानाशाह के खिलाफ आवाज बुलंद करने की सजा मिल रही है. उन्होंने कहा कि देश का कानून राहुल गांधी को अपील का अवसर देता है, वह इस अधिकार का प्रयोग करेंगे और हम डरने वाले नहीं हैं. राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि आज न्यायपालिका पर दबाव है. राहुल गांधी की जो टिप्पणी है, ऐसी राजनीतिक टिप्पणी चलती रहती हैं. उन्होंने कहा कि ऐसी टिप्पणियां अटल-आडवाणी ने पता नहीं कितनी की होंगी, लेकिन पहले इस तरह से मामला दर्ज नहीं होता था. हमें विश्वास है कि आने वाले समय में सही फैसला होगा.
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि लोकतंत्र में आंदोलन करना, जनता को सच बताना हमारा काम है, लेकिन यह जो तानाशाही सरकार है यह न लोकतंत्र को मानती है और न सदन में चर्चा चाहती है. ये लोग संविधान और लोकतंत्र के हिसाब से नहीं चलना चाहते हैं.
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