(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
'आईपीसी के 162 साल के इतिहास में ऐसा...', राहुल गांधी की हाईकोर्ट से खारिज हुई याचिका तो बोले पी चिदंबरम
Rahul Gandhi Defamation Case: राहुल गांधी की याचिरा रद्द होने के बाद कांग्रेस की लीगल टीम ने कहा कि वह गुजरात हाईकोर्ट के इस फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का रुख करेगी.
Rahul Gandhi Defamation Case: कांग्रेस नेता राहुल गांधी को मोदी सरनेम से जुड़े आपराधिक मानहानि के एक मामले में शुक्रवार (7 जुलाई) को गुजरात हाईकोर्ट ने दो साल की सजा में कोई भी रियायत देने से मना कर दिया. हाईकोर्ट के इस फैसले पर कांग्रेस नेता पी चिदंबरम ने अपनी प्रतिक्रया दी है.
पी चिदंबरम ने कहा कि भारतीय दंड संहिता के 162 सालों के इतिहास में ऐसा पहले कभी नहीं हुआ था कि किसी को ऐसे बयानों के लिए दो साल की सजा सुनाई गई हो. उन्होंने ट्वीट करके कहा कि राहुल गांधी के खिलाफ मानहानि का पूरा उद्देश्य उनको संसद की सदस्यता से आयोग्य ठहराना था. इसके बाद जो हुआ वो अयोग्य ठहराए जाने को जायज बताने का प्रयास था.
कांग्रेस नेता पी चिदंबरम ने कहा, मैं फिर से इस बात दोहराता हूं कि भारतीय दंड संहिता के अमल में आने के बाद से 162 सालों में ऐसा कोई मामला नहीं आया जिसमें जिसमें अदालत ने अधिकतम दो साल की सजा सुनाई हो. मैं उम्मीद करता हूं कि इस मामले में एक दिन न्याय जरूर किया जाएगा.
The whole purpose of the 'defamation' case against Mr Rahul Gandhi was to disqualify him from Parliament
— P. Chidambaram (@PChidambaram_IN) July 7, 2023
Everything that followed is an attempt to justify the disqualification
Let me repeat what I had said earlier: In the 162 years the Indian Penal Code has been in force, there…
गुजरात हाईकोर्ट ने क्या कहकर खारिज की राहुल गांधी की याचिका?
गुजरात हाईकोर्ट में जस्टिस हेमंत प्रेच्छक की सिंगल बेंच ने इस याचिका को खारिज करते हुए कहा कि राहुल गांधी पर पहले ही देशभर में 10 केस चल रहे हैं, इसलिए निचली अदालत का उनको दो साल कारावास की सजा सुनाने का आदेश पूरी तरह से न्यायसंगत, उचित और वैध है. अदालत ने कहा कि इस मामले में कन्विक्शन के फैसले पर रोक लगाने का उनके पास कोई तर्कसंगत आधार नहीं है.