Modi Surname Reactions: कांग्रेस नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi) को शुक्रवार (4 अगस्त) को सुप्रीम कोर्ट ने बड़ी राहत दी है. कोर्ट ने उनको मोदी सरनेम मामले में मिली सजा पर रोक लगा दी है. इसी के साथ राहुल गांधी की संसद की सदस्यता भी बहाल हो जाएगी. कांग्रेस (Congress) समेत कई अन्य पार्टियों के नेताओं ने सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के फैसले का स्वागत करते हुए बीजेपी सरकार पर निशाना साधा है. 


राहुल गांधी ने कहा कि आज नहीं तो कल, कल नहीं तो परसों सच्चाई की जीत होती ही है. मुझे क्या करना है, उसे लेकर मेरे मन में स्पष्टता है. उन्होंने लोगों को उनका समर्थन करने के लिए धन्यवाद दिया. इससे पहले राहुल गांधी ने कहा कि चाहे कुछ भी हो जाए, वह भारत की अवधारणा (आइडिया ऑफ इंडिया) की रक्षा करने का अपना कर्तव्य निभाते रहेंगे. उन्होंने ट्वीट किया कि चाहे कुछ भी जाए, मेरा कर्तव्य वही रहेगा. भारत की अवधारणा की रक्षा करना. 


ममता बनर्जी ने क्या कहा?


टीएमसी चीफ और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने ट्वीट किया कि मैं राहुल गांधी की संसद सदस्यता बहाली की खबर से खुश हूं. ये हमारी मातृभूमि के लिए एकजुट होकर लड़ने और जीतने के विपक्षी गठबंधन इंडिया के संकल्प को और मजबूत करेगा. न्यायपालिका की जीत. 


खरगे ने बताया लोकतंत्र की जीत


कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि ये संविधान की और लोकतंत्र की जीत है और ये उम्मीद अभी बाकी है कि न्याय मिल सकता है. आज खुशी का दिन है. ये सिर्फ राहुल गांधी की ही जीत नहीं है. ये वायनाड के लोगों और मतदाताओं की जीत है और भारत की जनता की जीत है, सत्यमेव जयते. उन्होंने कहा कि राहुल गांधी को संसद की सदस्यता से अयोग्य ठहराने में 24 घंटे लगे, अब देखते हैं कि उनकी सदस्यता बहाल करने में कितने घंटे लगेंगे. 


अखिलेश यादव ने भी किया फैसले का स्वागत


समाजवादी पार्टी के चीफ अखिलेश यादव ने कोर्ट के निर्णय का स्वागत करते हुए कहा कि इससे लोकतंत्र और न्यायपालिका में लोगों की आस्था और बढ़ गयी है. कोर्ट ने राहुल गांधी की सजा पर रोक लगाकर भारतीय लोकतंत्र और न्यायपालिका में लोगों की आस्था को बढ़ावा दिया है. बीजेपी की नकारात्मक राजनीति का अहंकारी ध्वज आज उनके नैतिक अवसान के शोक में झुक जाना चाहिए. 


अरविंद केजरीवाल ने किया ट्वीट


आप के राष्ट्रीय संयोजक और दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि मैं राहुल गांधी के खिलाफ अन्यायपूर्ण मानहानि मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत करता हूं. ये देश के लोकतंत्र और न्यायिक प्रणाली में लोगों के विश्वास को मजबूत करता है. उन्हें और वायनाड के लोगों को बधाई. 


एमके स्टालिन ने बताया न्याय की जीत


तमिलनाडु के सीएम और डीएमके चीफ एमके स्टालिन ने कहा कि न्याय की जीत हुई. मेरे भाई राहुल गांधी की सजा पर रोक लगाने वाले सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत करते हैं. वे वायनाड के सांसद के रूप में बरकरार रहेंगे. ये निर्णय हमारी न्यायपालिका की ताकत और लोकतांत्रिक मूल्यों की सुरक्षा के महत्व में हमारे विश्वास की पुष्टि करता है. 


"अदालत ने राहुल गांधी को न्याय दिया"


बिहार की पूर्व सीएम राबड़ी देवी ने कहा कि ये लोकतंत्र की जीत है. ये काफी अच्छा हुआ है. अदालत ने राहुल गांधी को न्याय दिया है. शिवसेना (यूबीटी) के नेता आदित्य ठाकरे ने कहा कि मुझे लगता है कि ये एक उचित आदेश है. अगर आप आज के फैसले, आदेश को देखें तो यह बहुत महत्वपूर्ण है. हमारे पास ऐसे लोग हैं जो लोकसभा में सच बोलते हैं. इस देश में नफरत, प्रतिशोध की राजनीति नहीं जीतेगी. हम इस आदेश का समर्थन करते हैं. 


बीजेपी ने क्या कहा?


बीजेपी के आईटी सेल प्रमुख अमित मालवीय ने कहा कि बकरे की अम्मा कब तक खैर मनाएगी? राहुल गांधी भले ही इससे बच गए हों, लेकिन कब तक? इससे पहले एक मौके पर सुप्रीम कोर्ट ने भी उन्हें गलत तरीके से एक टिप्पणी के लिए जिम्मेदार ठहराने के लिए उनकी खिंचाई की थी. इसके अलावा राहुल गांधी के खिलाफ कई अन्य आपराधिक मानहानि के मामले भी लंबित हैं, जिनमें स्वतंत्रता सेनानी वीर सावरकर के परिवार की ओर से किया गया केस भी शामिल है. 


उन्होंने कहा कि नेशनल हेराल्ड घोटाले में राहुल गांधी भी अपनी मां सोनिया गांधी के साथ आरोपी हैं और फिलहाल जमानत पर बाहर हैं. इनमें से किसी में भी दोषी पाए जाने पर उन्हें फिर से अयोग्य ठहराया जा सकता है. राहुल गांधी यहां मुश्किल में हैं, लेकिन फिलहाल संसद कुछ ढिलाई बरत सकती है.


जेडीयू अध्यक्ष ने दी बधाई


जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने ट्वीट कर कहा कि राहुल गांधी को बधाई. सुप्रीम कोर्ट के आदेश ने साबित कर दिया कि अंततोगत्वा न्याय की ही जीत होती है. न्याय स्थापित करने के लिए सुप्रीम कोर्ट को सलाम. 


(इनपुट पीटीआई से भी)


ये भी पढ़ें- 


Defamation Case: सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद राहुल गांधी की कब बहाल होगी सदस्यता? जानें इस सबसे बड़े सवाल का जवाब