Rahul Gandhi Defamation Case: सुप्रीम कोर्ट ने कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी (Rahul Gandhi) को शुक्रवार (4 अगस्त) को बड़ी राहत देते हुए उनकी सजा पर रोक लगा दी है. कोर्ट (Supreme Court) के इस फैसले के बाद कांग्रेस नेता की संसद सदस्यता और चुनाव लड़ने का रास्ता भी साफ हो गया है. कांग्रेस (Congress) ने कोर्ट के फैसला स्वागत करते हुए इसे सत्य की जीत करार दिया. कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने लोकसभा स्पीकर ओम बिरला से मिलने समय मांगा ताकि उन्हें सुप्रीम कोर्ट के फैसले की कॉपी सौंप सकें.
1. सुप्रीम कोर्ट ने मोदी सरनेम को लेकर की गई टिप्पणी के संबंध में 2019 में दर्ज आपराधिक मानहानि मामले में राहुल गांधी की दोषसिद्धि पर रोक लगाते हुए उनकी लोकसभा की सदस्यता बहाल कर दी. कोर्ट ने कहा कि इसमें कोई संदेह नहीं है कि टिप्पणी उचित नहीं थी और सार्वजनिक जीवन में भाषण देते समय एक व्यक्ति से सावधानी बरतने की उम्मीद की जाती है.
2. कोर्ट ने कहा कि ट्रायल कोर्ट के आदेश के प्रभाव व्यापक हैं. इससे न केवल राहुल गांधी का सार्वजनिक जीवन में बने रहने का अधिकार प्रभावित हुआ, बल्कि उन्हें चुनने वाले मतदाताओं का अधिकार भी प्रभावित हुआ. निचली अदालत के जज की ओर से अधिकतम सजा देने का कोई कारण नहीं बताया गया है, ऐसे में अंतिम फैसला आने तक दोषसिद्धि के आदेश पर रोक लगाने की जरूरत है.
3. राहुल गांधी को गुजरात के सूरत की एक कोर्ट ने बीती 23 मार्च को मानहानि के इस केस में दो साल की सजा सुनाई थी. इसके बाद उनको संसद की सदस्यता से अयोग्य घोषित किया गया था. राहुल गांधी के खिलाफ गुजरात के पूर्व मंत्री पूर्णेश मोदी ने मानहानि का केस दर्ज करवाया था. कांग्रेस नेता ने 13 अप्रैल 2019 को कर्नाटक के कोलार में एक चुनावी सभा में मोदी सरनेम को लेकर टिप्पणी की थी. राहुल गांधी ने सभा में कहा था कि सभी चोरों का एक ही सरनेम मोदी कैसे हो सकता है.
4. कोर्ट के इस फैसले पर राहुल गांधी ने कहा कि चाहे कुछ भी हो, मेरा कर्तव्य वही रहेगा. भारत के विचार की रक्षा करना. आज नहीं तो कल, कल नहीं तो परसो सच्चाई की जीत होती है लेकिन चाहे जो हो मेरा रास्ता साफ है. मुझे क्या करना है, मेरा क्या काम है उसे लेकर मेरे दिमाग में स्पष्टता है. जिन लोगों ने हमारी मदद की और जनता ने जो प्यार और साथ दिया उसके लिए उनका बहुत-बहुत धन्यवाद.
5. कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने कहा कि तीन चीजों को लंबे समय तक छिपाया नहीं जा सकता- सूर्य, चंद्रमा और सत्य. सुप्रीम कोर्ट को न्यायपूर्ण फैसला देने के लिए धन्यवाद, सत्यमेव जयते. कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि कोर्ट का फैसला सत्य और न्याय की मजबूत पुष्टि है. बीजेपी की मशीनरी के अथक प्रयासों के बावजूद राहुल गांधी ने न्यायिक प्रक्रिया में अपना विश्वास रखने का विकल्प चुनते हुए झुकने से इनकार कर दिया है.
6. कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला से जल्द राहुल गांधी की सदस्यता बहाल करने का आग्रह किया. अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट से राहुल गांधी को राहत मिलना सच्चाई की जीत है. हम चाहते हैं कि लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव पर राहुल गांधी बोलें. हमें डर है कि सरकार अड़चनें पैदा कर सकती है, इसलिए लोकसभा अध्यक्ष राहुल गांधी की अयोग्यता को रद्द करने में देरी न करें. कांग्रेस चाहती है कि राहुल गांधी की लोकसभा सदस्यता जल्द बहाल हो और वो अगले हफ्ते संसद के सत्र में भाग लें. बता दें कि, मानसून सत्र 11 अगस्त तक चलेगा.
7. कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि राहुल गांधी को घेरने की बीजेपी की साजिश का पर्दाफाश हो गया, उन्हें विपक्षी नेताओं को दुर्भावनापूर्ण तरीके से निशाना बनाना बंद करना चाहिए. सत्य की जीत हुई है, न्याय हुआ है, लोकतंत्र की जीत हुई है. अब समय आ गया है कि बीजेपी लोगों की ओर से दिए गए जनादेश का सम्मान करना शुरू कर दे.
8. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि आजादी के बाद राहुल गांधी पहले शख्स हैं जिन्हें मानहानि मामले में 2 साल की पूरी सजा मिली थी. आज सुप्रीम कोर्ट ने निचली अदालत के फैसले को खारिज कर दिया. अब हर एक काम सही दिशा में जा रहा है.
9. कांग्रेस सांसद रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि इस फैसले ने एक बार फिर आम लोगों का सुप्रीम कोर्ट में, लोकतंत्र, संवैधानिकता और सत्य की जीत के सिद्धांत में विश्वास बहाल कर दिया है. कांग्रेस नेता सुप्रिया श्रीनेत ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने अपनी टिप्पणी में ये भी कहा है कि 162 साल के आईपीसी में पहली बार किसी व्यक्ति को 2 साल की सजा मिली जिससे उसकी सदस्यता चली जाए. हम उत्साहित हैं क्योंकि शेर फिर से सदन में दहाड़ेगा.
10. राहुल गांधी के खिलाफ केस दर्ज करवाने वाले याचिकाकर्ता बीजेपी विधायक पूर्णेश मोदी ने कहा कि आज सुप्रीम कोर्ट ने राहुल गांधी की सजा पर रोक लगा दी है. हम कोर्ट की ओर से दिए गए इस फैसले का स्वागत करते हैं. हम अदालत में अपनी कानूनी लड़ाई जारी रखेंगे.
(इनपुट पीटीआई से भी)
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