कांग्रेस नेता राहुल गांधी की सुरक्षा चूक को लेकर हंगामा मचा हुआ है. पार्टी ने इंदिरा और राजीव गांधी की हत्या का हवाला देते हुए गृह मंत्रालय को पत्र लिखा है. दिल्ली में 24 दिसंबर को भारत जोड़ो यात्रा के दौरान राहुल की सुरक्षा में चूक हुई थी.
पिछले 10 महीने में राहुल गांधी की सुरक्षा में 5 बार चूक की खबरें सामने आई है. 2 बार पंजाब और एक बार राजस्थान और एक बार मध्य प्रदेश में राहुल की सुरक्षा में चूक हुई थी. राहुल की सुरक्षा में चूक को लेकर CRPF ने भी बयान जारी किया है. दरअसल, राहुल गांधी को CRPF की Z+ सुरक्षा प्रदान की गई है.
- मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक 2022 में पंजाब के लुधियाना में राहुल रोड शो करने पहुंचे थे. इसी दौरान एक युवक ने काफिले पर झंडा फेंका, जो सीधे राहुल को लगा.
- मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक जून 2022 में सिद्धू मूसेवाला की हत्या के बाद राहुल गांधी पंजाब के पटियाला स्थित उनके घर पहुंचे थे. इस दौरान उनका काफिला रूट से अलग हो गया.
- मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक 4 दिसंबर 2022 को राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा एमपी के आगर मालवा पहुंची थी. यहां एक युवक सुरक्षा घेरा तोड़कर उनसे लिपट गया.
- मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक10 दिसंबर को राजस्थान के कोटा में राहुल के सामने एक युवक सुरक्षा घेरा तोड़कर आत्मदाह करने पहुंच गए. सुरक्षाकर्मियों ने तुरंत स्थिति संभाली.
- मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक 24 दिसंबर को दिल्ली में जब यात्रा प्रवेश की, तब भीड़ ने घेरा तोड़ दिया. कांग्रेस का आरोप है कि सुरक्षाकर्मी इसे संभालने में नाकाम रहे.
सुरक्षा नियमों को तोड़ने में राहुल भी कम नहीं
1. 2015 से 2019 तक राहुल गांधी SPG कवर में थे. सरकार के मुताबिक राहुल ने इस दौरान 1892 बार दिल्ली में और 245 बार दिल्ली के बाहर सुरक्षा नियम तोड़े.
2. CRPF के मुताबिक 2020 से अब तक राहुल गांधी ने 113 बार सुरक्षा नियमों का उल्लंघन किया है. राहुल को इसकी जानकारी समय-समय पर दी जाती है.
दादी और पिता पर हो चुका है हमला
1984 में राहुल की दादी इंदिरा गांधी की हत्या उनके सुरक्षाकर्मियों ने ही कर दी थी. इंदिरा उस वक्त देश की प्रधानमंत्री थीं. इंदिरा की हत्या के बाद सुरक्षा व्यवस्था को लेकर गंभीर सवाल उठे थे.
इंदिरा की हत्या के 7 साल बाद राहुल के पिता राजीव गांधी की हत्या कर दी गई थी. आतंकी संगठन लिट्टे ने 1991 में मानव बम का उपयोग कर तमिलनाडु के पेरुबंदुर में राजीव की हत्या कर दी.
सुरक्षा का प्रोटोकॉल क्या होता है?
- सुरक्षा प्राप्त व्यक्ति के घर और ऑफिस पर सुरक्षा जवानों की हमेशा तैनाती रहती है.
- सुरक्षा प्राप्त व्यक्ति अगर किसी जगह का दौरा करना चाहता है, तो पहले रूट तय किया जाता है.
- इसके बाद अग्रिम सुरक्षा संपर्क किया जाता है.
- सुरक्षा एजेंसी हमेशा 2 रूट तय करती है. इसके बारे में पुलिस को जानकारी दी जाती है.
- जिन लोगों से सुरक्षा प्राप्त व्यक्ति की मुलाकात प्रस्तावित रहता है, उसकी सूची बनाई जाती है.
इंदिरा गांधी की हत्या और सुरक्षा का रिव्यू
1984 में इंदिरा गांधी की हत्या के बाद केंद्र सरकार ने वीआईपी लोगों को मिल रही सुरक्षा का रिव्यू कराया. इसके बाद 1985 में बीरबलनाथ समिति बनाई गई, जिसने SPG सुरक्षा बनाने की सिफारिश की. इसी सिफारिश को लागू करते हुए 1988 में SPG बनाया गया.
SPG के काम करने के तौर-तरीके ब्लू बुक में दर्ज है. ब्लू बुक की जानकारी मंत्रालय के कुछ ही लोगों के पास होती है. आरटीआई से जब भी इसकी जानकारी मांगी गई है, सरकार ने इस देने से इनकार कर दिया है.
कितनी कैटेगरी की सुरक्षा होती है?
SPG कैटेगरी- स्पेशल प्रोटेक्शन ग्रुप की सुरक्षा अब केवल प्रधानमंत्री को मिलती है. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक प्रधानमंत्री की सुरक्षा में SPG के करीब 3000 जवान तैनात हैं. SPG के सभी जवान ऑटोमेटिक गन FNF-2000 असॉल्ट राइफल समेत सभी आधुनिक हथियारों से लैस होते हैं. 2020-21 के बजट में SPG सुरक्षा के लिए 592.55 करोड़ दिए गए थे.
2019 तक प्रधानमंत्री के अलावा गांधी परिवार को भी यह सुरक्षा दी जाती थी, लेकिन संसद में कानून पास कर सरकार ने गांधी परिवार से यह सुरक्षा वापस ले ली.
Z+ के साथ NSG प्रोटेक्शन- देश के गृहमंत्री के अलावा नक्सल प्रभावित राज्यों के मुख्यमंत्रियों को यह सुरक्षा प्रदान की जाती है. इनमें Z+ के अलावा NSG के 10-12 ‘ब्लैक कैट’ कमांडो तैनात रहते हैं.
Z+ कैटेगरी- Z+ कैटेगरी की सिक्योरिटी में कुल 58 जवानों की तैनाती होती है. इनमें 10 आर्म्ड स्टैटिक गॉर्ड, 6 PSO एक समय मे राउंड द क्लॉक, 24 जवान 2 एस्कॉर्ट में राउंड द क्लॉक, 5 वॉचर्स दो शिफ्ट में रहते हैं. यह सुरक्षा कैटेगरी देश की दूसरी सबसे बड़ी सुरक्षा कैटेगरी है. वर्तमान में सोनिया-राहुल के कई VIP को यह सुरक्षा प्रदान की गई है.
Z कैटेगरी- इस श्रेणी की सुरक्षा में 4-5 NSG कमांडो सहित कुल 22 सुरक्षागार्ड तैनात किए जाते हैं. Z श्रेणी में दिल्ली पुलिस, ITBP या CRPF के कमांडो और राज्य की लोकल पुलिस को शामिल किया जाता है. ऑफिस और घर दोनों जगहों पर सुरक्षाकर्मी तैनात किए जाते हैं.
Y कैटेगरी- इंटेलिजेंस ब्यूरो की रिपोर्ट में कम खतरे वाले लोगों को यह सुरक्षा दी जाती है. इसमें कुल 11 सुरक्षाकर्मी शामिल होते हैं, जिसमें दो कमांडो भी रहते हैं.
X कैटेगरी- इस श्रेणी की सुरक्षा प्राप्त व्यक्ति के साथ दो सुरक्षा गार्ड तैनात होते हैं. इसमें एक पीएसओ (व्यक्तिगत सुरक्षा अधिकारी) भी शामिल होता है.