(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Budget Session: मल्लिकार्जुन खरगे के घर 18 विपक्षी दलों की हुई बैठक, आज भी काले कपड़ों में नजर आएंगे सांसद, बीजेपी ने किया पलटवार | 10 बड़ी बातें
विपक्षी नेताओं ने राहुल गांधी की संसद सदस्यता रद्द किये जाने के खिलाफ और अडानी से जुड़े मामले में जेपीसी गठित करने की मांग को लेकर प्रदर्शन किया. बीजेपी ने भी कांग्रेस पर हमला जारी रखा.
Rahul Gandhi Disqualification Row: कांग्रेस नेता राहुल गांधी की संसद सदस्यता रद्द करने और अडानी मामले को लेकर सोमवार (27 मार्च) को संसद के दोनों सदनों में जोरदार हंगामा हुआ. कांग्रेस (Congress) समेत कई विपक्षी दलों ने विरोध मार्च निकाला और संसद में काले कपड़े पहनकर गए. राहुल गांधी के वीर सावरकर (Veer Savarkar) पर दिए गए बयान को लेकर भी काफी हलचल रही. जानिए इस मामले से जुड़ी बड़ी बातें.
1. सोमवार को संसद की कार्यवाही शुरू होने से पहले सीपीपी कार्यालय में कांग्रेस सांसदों ने बैठक की. इस बैठक में यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी, पार्टी प्रमुख और राज्यसभा के नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खरगे व अन्य नेता मौजूद रहे. इस बैठक के बाद मल्लिकार्जुन खरगे के चेम्बर में विपक्षी दलों की भी बैठक हुई. विपक्षी दलों की बैठक में कांग्रेस, डीएमके, एसपी, जेडीयू, बीआरएस, सीपीएम, आरजेडी, एनसीपी, सीपीआई, आईयूएमएल, एमडीएमके, टीएमसी, आप, एनसी व कई अन्य दलों के नेता शामिल हुए. विपक्ष अडानी मामले पर जेपीसी बनाने की मांग कर रहा है.
2. सोमवार को विपक्षी सांसदों के विरोध के बीच दोनों सदनों की कार्यवाही शुरू होने के कुछ ही मिनटों के भीतर स्थगित कर दी गई. पहले राज्यसभा दोपहर 2 बजे तक और लोकसभा शाम 4 बजे तक के लिए और फिर मंगलवार तक के लिए स्थगित कर दी गई. विपक्षी सांसद अडानी समूह के मुद्दे और राहुल गांधी की अयोग्यता को लेकर नारेबाजी कर रहे थे. लोकसभा की कार्यवाही शुरू होने के बाद विपक्षी सदस्य आसन के समक्ष आ गए. इस दौरान कांग्रेस के दो सांसदों- टीएन प्रतापन और हिबी ईडन ने आसन की ओर कागज के टुकड़े उछाल दिए.
3. अडानी समूह के मुद्दे पर विपक्षी सांसदों ने काले कपड़े पहनकर संसद में गांधी प्रतिमा के पास विरोध प्रदर्शन किया. विपक्षी दलों ने संसद परिसर से विजय चौक की ओर मार्च भी निकाला. विपक्षी सांसदों ने सरकार के खिलाफ नारे लगाए और अडानी मुद्दे पर एक संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) के गठन की मांग की. राज्यसभा के नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी भी विरोध में शामिल हुईं. सोमवार को लोकसभा की हाउस कमेटी ने राहुल गांधी को सरकारी बंगला खाली करने का नोटिस भी जारी किया. राहुल गांधी 12 तुगलक लेन वाले बंगले में रह रहे हैं. उन्हें 22 अप्रैल तक सरकारी आवास खाली करना होगा.
4. मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि हम यहां काले कपड़े में क्यों हैं? हम दिखाना चाहते हैं कि पीएम मोदी देश में लोकतंत्र को खत्म कर रहे हैं. उन्होंने पहले स्वायत्त निकायों को समाप्त किया, फिर उन्होंने चुनाव जीतने वालों को डरा-धमका कर हर जगह अपनी सरकार खड़ी कर दी. फिर उन्होंने ईडी, सीबीआई का इस्तेमाल उन लोगों को झुकाने के लिए किया जो नहीं झुके. एक आदमी को बचाने के लिए मोदी जी 140 करोड़ लोगों के हितों को रौंद रहे हैं. पीएम के 'परम मित्र' की रक्षा के लिए, बीजेपी ने लोगों के मुद्दों पर चर्चा करने वाली संसद को ठप कर दिया. यदि कोई गलती नहीं हुई है, तो सरकार संयुक्त संसदीय समिति की ओर से जांच की विपक्ष की मांग से क्यों कतरा रही है.
5. मल्लिकार्जुन खरगे के आवास पर सोमवार देर शाम विपक्षी दलों के नेताओं की बैठक भी हुई. जिसमें राहुल गांधी को लोकसभा की सदस्यता के अयोग्य ठहराये जाने के खिलाफ और अडानी समूह से जुड़े मामले में जेपीसी गठित करने की मांग को लेकर आगे की रणनीति पर चर्चा की गई. खरगे ने अपने आवास 10 राजाजी मार्ग पर अपनी पार्टी के शीर्ष नेताओं के साथ समान विचारधारा वाले सभी विपक्षी दलों के नेताओं को डिनर पर बैठक के लिए आमंत्रित किया था. इस बैठक में ये प्रस्ताव रखा गया कि मंगलवार को भी संसद में गांधी प्रतिमा के सामने काले कपड़ों में विपक्षी दलों का विरोध जारी रहेगा. अंतिम फैसला सुबह खरगे के साथ विपक्षी दलों की बैठक में लिया जाएगा.
6. इस बैठक में कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी, राहुल गांधी, द्रमुक नेता टी आर बालू, तृणमूल कांग्रेस के जवाहर सरकार, समाजवादी पार्टी के रामगोपाल यादव, जनता दल (यूनाइटेड) अध्यक्ष राजीव रंजन सिंह ऊर्फ ललन सिंह, नेशनल कांफ्रेंस के हसनैन मसूदी और कई अन्य विपक्षी नेता शामिल हुए. बैठक में कुल 18 पार्टियों के नेता शामिल रहे. बैठक में हालांकि शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) का कोई सदस्य शामिल नहीं हुआ. माना जा रहा है कि विनायक दामोदर सावरकर पर राहुल गांधी की टिप्पणी के चलते उद्धव ठाकरे की पार्टी ने इस बैठक से दूरी बनायी है. संजय राउत और उद्धव ठाकरे ने राहुल गांधी के बयान पर नाराजगी भी जताई.
7. विपक्ष दलों की बैठक में मौजूद नेताओं में इस बात को लेकर सहमति बनी कि संसद के अंदर के आपसी सहयोग को संसद के बाहर की एकजुटता में बदलना होगा. सूत्रों के मुताबिक इस तालमेल की जिम्मेदारी मल्लिकार्जुन खरगे निभाएंगे. विपक्ष की बैठक और साथ में डिनर के पीछे आपसी संबंधों को मजबूत करने की कवायद थी. चूंकि कांग्रेस, एनसीपी को छोड़ कर अन्य विपक्षी दलों का शीर्ष नेतृत्व बैठक में मौजूद नहीं था इसलिए कोई अहम फैसला नहीं हुआ. आने वाले दिनों में विपक्षी दलों के प्रमुख नेताओं की बैठक बुलाई जा सकती है. बैठक में नेताओं ने कहा कि लोकतंत्र को बचाने की लड़ाई के लिए सबको एकजुट होना पड़ेगा.
8. कांग्रेस सांसद जयराम रमेश ने कहा कि आज रात 18 विपक्षी दलों के नेताओं की मल्लिकार्जुन खरगे के आवास पर बैठक हुई. सभी ने मोदी शासन के खिलाफ अपने अभियान को जारी रखने का फैसला किया. जो लोकतंत्र को नष्ट कर रहा है और जिसने सभी संस्थानों को नष्ट कर दिया है. उन्होंने मोदी की भय और डराने की राजनीति का मुकाबला करने के लिए सामूहिक संकल्प व्यक्त किया. ये संकल्प संसद के बाहर संयुक्त कार्रवाइयों में नजर आएगा.
9. बीजेपी के ओबीसी सांसदों ने 'मोदी सरनेम' वाले बयान पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी से माफी की मांग को लेकर धरना दिया. साथ ही राहुल गांधी की ओर से वीर सावरकर पर की गई टिप्पणी को लेकर भी बीजेपी-शिवसेना के सांसदों ने विरोध प्रदर्शन किया. केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने कांग्रेस सांसदों के व्यवहार पर भी सवाल उठाया, क्योंकि वे काले कपड़े पहनकर संसद पहुंचे. उन्होंने कहा कि उनके व्यवहार को देखिए. उन्होंने (कांग्रेस सांसदों ने) कागज फाड़े और उन्हें आसन की ओर उछाल दिया. अध्यक्ष बार-बार कहते हैं कि वह सदन चलाना चाहते हैं और वह सभी को (बोलने का) मौका देंगे. कांग्रेस और अन्य विपक्षी दल संसद में अभद्र व्यवहार कर रहे हैं, जिससे आसन के पास कार्यवाही स्थगित करने के अलावा कोई अन्य विकल्प नहीं बचा है.
10. केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने भी कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए अपमानजनक टिप्पणी की. सावरकर पर राहुल गांधी की टिप्पणी को लेकर उन पर निशाना साधते हुए पुरी ने कहा कि उन्होंने कहा है कि वह माफी नहीं मांगेंगे, क्योंकि वह सावरकर नहीं हैं. क्या आप सावरकर जैसे लोगों के योगदान को जानते हैं? ये घोड़ों की रेस में ग... को दौड़ा रहे हैं. पुरी की टिप्पणी पर पलटवार करते हुए कांग्रेस ने आरोप लगाया कि इस तरह के बयान बीजेपी में शामिल हुए नए लोगों के चरित्र को दर्शाते हैं.
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