Rahul Gandhi Disqualified: एक माफी और बच जाती राहुल की सांसदी! पहले भी तीन बार में मांग चुके हैं माफी
Rahul Gandhi Disqualified: राहुल गांधी अपने मोदी सरनेम के कमेंट को लेकर तीन बार सूरत कोर्ट में पेश हुए, लेकिन तीनों बार में उन्होंने एक बार भी यह नहीं कहा कि वह अपने बयान के लिए माफी मांगते है.
Rahul Gandhi Disqualified: कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को मानहानि मामले में दोषी करार देते हुए सूरत कोर्ट ने 2 साल की सजा सुना दी है. जिसके एक दिन बाद कांग्रेस नेता की संसद सदस्यता रद्द हो गई है. अब सदस्यता खत्म करने के प्रावधान के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की गई है. हालांकि राहुल इस मामले में अपने कमेंट के पीछे फंसे थे, लेकिन कांग्रेस समेत कई विपक्ष पार्टियों को लगता है कि इसके पीछे बीजेपी है. तो अब सवाल यह है कि क्या सच में राहुल को दोषी ठहराने से लेकर सदस्यता रद्द होने तक बीजेपी की साजिश है? इसका जवाब है नहीं.
ऐसा माना जा रहा है राहुल की तरफ से जो वकील केस लड़ रहे थे, उन्हीं की वजह से वह फंसे है. कहा जा रहा है कि अगर राहुल गांधी का कोर्ट में पक्ष ले रहे वकील उन्हें समझाते और माफी मांगने के लिए कहते तो शायद आज उनकी सदस्यता होती. मानहानि के ज्यादातर मामले कोर्ट में माफी मांगने के साथ ही निपट जाते हैं. ऐसे में अगर शायद राहुल भी मांग लेते तो ना वह दोषी ठहराए जाते और न ही उनकी लोकसभा सदस्यता रद्द होती.
तीन बार में मांग चुके हैं माफी
जानकारी के मुताबिक राहुल अपने मोदी सरनेम के कमेंट को लेकर तीन बार सूरत कोर्ट में पेश हुए, लेकिन तीनों बार में उन्होंने एक बार भी यह नहीं कहा कि वह अपने बयान के लिए माफी मांगते है. हालांकि ऐसा पहली बार नहीं होता कि राहुल कोर्ट में माफी मांगते. इसके पहले भी तीन बार राहुल माफी मांग चुके हैं.
इससे पहले 2013 में राहुल गांधी ने अपनी ही सरकार के एक अध्यादेश की कॉपी फाड़ दी थी, उन्होंने अध्यादेश को पूरी तरह बकवास कहा था. बाद में उन्होंने अपनी इस गलती के लिए साल 2018 में गलती मान ली थी और माफी मांग ली थी. जिसके वजह से राहुल गांधी माफी मांग कर इस केस से मुक्त हो गए थे. इसके बाद साल 2018 में राफेल मुद्दे पर फंसे राहुल ने 2020 में माफी मांग ली थी.
इसके बाद 2018 में चौकीदार चोर है मामले में फंसे राहुल ने अपने इस बयान के लिए साल 2019 में माफी मांगी थी और इस वजह से वह इस केस से मुक्त हो गए थे. राहुल के अलावा कई नेताओं ने कोर्ट में माफी मांग कर खुद को मामले में फंसने से बचा लिए है. इसी वजह से ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है कि अगर राहुल माफी मांग लेते तो शायद उनकी सदस्यता नहीं जाती.
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