भोपाल: मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मंगलवार को कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी पर भारतीय सेना का मनोबल तोड़ने का प्रयास करने का आरोप लगाते हुए कहा कि ऐसे लोग नेता कहलाने लायक नहीं हैं. चौहान ने यहां प्रदेश भाजपा कार्यालय में एक सवाल के जवाब में मीडिया से कहा कि एक तरफ जहां हमारे सैनिक सर्वोच्च बलिदान दे रहे हैं, भारत मां का माथा गौरव से उन्नत कर रहे है. वहीं दूसरी तरफ मुझे तो कहते हुए भी शर्म आ रही है, दशकों तक देश में शासन करने वाली एक राष्ट्रीय पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी जी उनको हतोत्साहित कर रहे हैं.


सेना का अपमान कर रहे हैं राहुल गांधी- चौहान


मुख्यमंत्री ने कहा, 'वह (राहुल गांधी) सेना का अपमान कर रहे हैं. वह जिस तरह के कमेंट कर रहे हैं, उसे सुनकर मुझे उन्हें भारत का नागरिक कहते हुए भी शर्म आ रही है. वह सेना का मनोबल तोड़ने का प्रयास कर रहे हैं.'


उन्होंने आगे कहा कि जब सीमाओं पर तनाव होता है, तो पूरा देश एक साथ उठकर खड़ा हो जाता है. जब-जब ऐसी परिस्थितियां देश में पहले कभी बनी हैं, भारतीय जनता पार्टी उस वक्त कांग्रेस सरकार के साथ खड़ी रहती थी.


चौहान ने राहुल पर निशाना साधते हुए आगे कहा, 'माहौल चीन पर हमला करने का है, लेकिन राहुल को मोदी जी के अलावा कोई दिखाई ही नहीं देता है. ये नेता कहलाने के लायक ही नहीं हैं. देश हमारी सेना का अपमान बर्दाश्त नहीं करेगा. मुझे लज्जा आती है कि हमारे बीच एक ऐसा नेता है, जिसकी दिनचर्या में सेना की वीरता पर सवाल उठाना शामिल है.'


उन्होंने आगे कहा कि यह समय एकजुट होने का है, लेकिन ऐसे समय में भी वह पीएम के खिलाफ शाब्दिक हमले करते हैं. ऐसे लोग नेता कहलाने के लायक ही नहीं हैं.


कमलनाथ ने दिया मुख्यमंत्री सिवराज सिंह चौहान को जवाब


मुख्यमंत्री शिवराज सिंह के राहुल गांधी पर लगाए गए इन आरोपों पर पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा, 'केंद्र सरकार के इशारे पर मेरी सरकार गिराने वाले और उनकी कृपा पर मुख्यमंत्री बने शिवराज सिंह चौहान चीनी सैनिकों की घुसपैठ और हमारे 20 जवानों की शहादात पर तो कम से कम सच बोलने के हिम्मत दिखाएं.'


उन्होंने आगे कहा कि पूरा देश जानता है कि कांग्रेस पिछले कुछ महीनों से लगातार हमारी सीमा पर चीनी घुसपैठ को लेकर केंद्र सरकार को आगाह कर रही थी, लेकिन केंद्र सरकार लापरवाह बनी रही और उसकी तरफ से निरंतर गुमराह करने और भ्रमित करने वाले बयान आते रहे. 15 जून की रात को सरहद पर लद्दाख में गलवान घाटी में चीनी सैनिकों से संघर्ष में हमारे 20 वीर सैनिकों की शहादत हुई, घुसपैठ की पुष्टि हुई, उसके बाद भी हमारे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सर्वदलीय बैठक में कह रहे हैं कि हमारी सरजमीं में कोई चीनी घुसपैठ नहीं हुई, जबकि रक्षा मंत्री से लेकर विदेश मंत्री तक का बयान कुछ और ही था.


राष्ट्रहित के मुद्दों पर बात करना क्या देशद्रोह है?- कमलनाथ


पूर्व मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि अगर राहुल गांधी जिम्मेदार विपक्ष की भूमिका निभाते हुए देश के प्रधानमंत्री से इस मामले में देश को सच्चाई बताने का आग्रह कर रहे हैं तो यह उनका कर्तव्य है. हमारे देश के वीर सैनिकों की शहादत पर चुप बैठना क्या देशभक्ति है? राष्ट्रहित के मुद्दों पर बात करना क्या देशद्रोह है? क्या हमारे वीर सैनिकों का बलिदान यूं ही व्यर्थ जाने दे? देश की सुरक्षा पर गंभीर खतरा हो तो क्या कांग्रेस चुप बैठे?'


उन्होंने आगे कहा कि आज कांग्रेस सहित देश का हर नागरिक भारतीय सेना के साथ खड़ा है, लेकिन केन्द्र सरकार को देश को सच्चाई तो बताना होगी. शिवराज जी कह रहे हैं कि राहुल गांधी को चीन से जवाब मांगना चाहिए, मोदी से मांग रहे हैं तो शिवराज जी को यह पता होना चाहिए देश की जवाबदारी किसकी है? शर्म तो शिवराज जी को मोदी जी के उस बयान पर आनी चाहिए, जिसमें उन्होंने कहा कि हमारी सरज़मीं पर कोई घुसपैठ नहीं हुई है.


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