UP Opposition Skipping Bharat Jodo Yatra: राहुल गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस की 'भारत जोड़ो यात्रा' दिल्ली पहुंच चुकी है. अगले साल को 3 जनवरी यात्रा यूपी में प्रवेश करेगी. यूपी में कांग्रेस की ये यात्रा सफल रहे, इसलिए पार्टी की ओर से विपक्ष के बड़े नेताओं को इसमें शामिल होने का न्योता दिया गया है. इस लिस्ट में सपा प्रमुख अखिलेश यादव, बसपा प्रमुख मायावती और आरएलडी नेता जयंत चौधरी सहित सुभासपा प्रमुख ओम प्रकाश राजभर और शिवपाल यादव का नाम शामिल है.
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक ज्यादातर नेताओं ने यात्रा से किनारा कर लिया है. विपक्षी नेताओं की दूरी की वजह राहुल फैक्टर माना जा रहा है. अब इस पर कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने जवाब दिया है. कांग्रेस नेता ने एनडीटीवी से बातचीत में कहा, "कांग्रेस इंतजार करेगी और देखेगी कि 3 जनवरी को उत्तर प्रदेश में प्रवेश करने पर भारत जोड़ो यात्रा (अखंड भारत मार्च) में कौन आता है."
ये चुनाव जीतो यात्रा नहीं- जयराम रमेश
जयराम रमेश ने कहा, "मैं इस समय किसी निष्कर्ष पर नहीं पहुंच सकता. मुझे लगता है कि हमें यात्रा शुरू होने तक इंतजार करना चाहिए और देखते हैं कि कौन आता है और कौन नहीं." लोगों का मानना है कि इस यात्रा के तहत कांग्रेस पार्टी राहुल गांधी को प्रोजेक्ट करने का काम कर रही है. हालांकि, जयराम रमेश ने इससे इनकार किया. उन्होंने कहा, "ये चुनाव जीतो यात्रा नहीं है. पार्टी सिर्फ कार्यकर्ताओं का मनोबल बढ़ाने और लोगों से जुड़ने पर फोकस कर रही है."
यूपी में विपक्षी नेताओं को क्या है डर?
राजनीकि पंड़ितों का मानना है कि राहुल गांधी के नेतृत्व में यूपी में भारत जोड़ो यात्रा से यदि विपक्षी नेता जुड़ते हैं तो ये संदेश जा सकता है कि 2024 में राहुल गांधी ही विपक्ष का नेतृत्व करने वाले हैं. हालांकि एनडीटीवी से बातचीत में कांग्रेस नेता ने इससे इनकार किया. उन्होंने साफ कहा, "कोई भी 2024 में नेतृत्व करने की बात नहीं कर रहा है. हम कांग्रेस पार्टी को मजबूत करने की कोशिश कर रहे हैं."
'पार्टी को मजबूत बनाना है यात्रा का मकसद'
विपक्षी एकता को लेकर जयराम रमेश ने कहा, "विपक्षी एकता हमेशा एक मजबूत कांग्रेस पार्टी पर निर्भर करती है और एक कमजोर कांग्रेस पार्टी विपक्षी एकता का आधार नहीं हो सकती है." उन्होंने अपनी तरफ से स्पष्ट कहा कि उनकी पार्टी का 2024 के विषय में नहीं सोच रही है. भारत जोड़ो यात्रा का मकसद अपनी पार्टी को मजबूत बनाने का है.
अखिलेश-जयंत की No, मायावती पर सस्पेंस
अखिलेश यादव और जयंत चौधरी की ओर से यात्रा में शामिल होने से इनकार कर दिया गया है. दोनों की ओर से दूसरे कार्यक्रमों में व्यस्त होने का बहाना बनाया गया है. वहीं बसपा प्रमुख मायावती की ओर से अभी तक कोई जवाब नहीं आया है. हालांकि, कांग्रेस नेता सलमान खुर्शीद के बयान पर मायावती ने जिस तरह से हमला किया है उससे उनका भी इनकार ही समझा जा रहा है.