47 साल के राहुल गांधी ने देखा है जीवन का हर उतार चढाव, किया है खुद को साबित
47 साल के राहुल गांधी ने अपने जीवन में कई उतार चढ़ाव देखे हैं. 13 साल भारतीय राजनीति में खुद को मथने के बाद राहुल बड़ी पारी के लिए तैयार हो चुके हैं.
नई दिल्ली: 47 साल के राहुल गांधी ने अपने जीवन में कई उतार चढ़ाव देखे हैं. उन्हें पढ़ाई के लिए दिल्ली से देहरादून जाना पड़ा और फिर देहरादून से कैंब्रिज जाना पड़ा. इसके बाद कैंब्रिज से मुंबई तक राहुल गांधी को अपनी पहचान भी छुपानी पड़ी. 13 साल पहले राष्ट्रीय राजनीति में उन्होंने पदार्पण किया और वक्त के साथ जिम्मेदारियां भी बढ़ती गईं जिनको उन्होंने बखूबी निभाया.
19 जून 1970 को राहुल गांधी का जन्म हुआ. दादी इंदिरा गांधी, पिता राजीव गांधी और मां सोनिया गांधी के लाडले राहुल, गांधी खानदान के बड़े बेटे तो थे ही, सबके चहेते भी थे. राजनीति राहुल के खून में है. जवाहर लाल नेहरू, इंदिरा गांधी और राजीव गांधी की सुनहरी विरासत वाले गांधी खानदान के इस चिराग ने जीवन के बहुत से रंग देखे.
जिस वक्त इंदिरा गांधी का मर्डर हुआ, राहुल की उम्र 14 साल की थी. वे स्कूल में अपनी पढ़ाई कर रहे थे. सात साल बाद 1991 में जब वे कॉलेज में थे तब पिता राजीव गांधी की हत्या कर दी गई. इन दो हत्याओं ने राहुल समेत पूरे गांधी खानदान को हिला कर रख दिया. राहुल को सुरक्षा कारणों से देश के बाहर भेज दिया गया.
- राहुल गांधी की शुरुआती शिक्षा दिल्ली के सैंट कोलंबस स्कूल से हुई थी - साल 1981 में राहुल को देहरादून के दून पब्लिक स्कूल में पढ़ाई के लिए भेजा गया - 1989 में दिल्ली के सैंट स्टीफंस कॉलेज में राहुल गांधी ने अंडर ग्रेजुएट कोर्स के लिए दाखिला लिया - लेकिन पहला साल पूरा करने के साथ ही उन्हें हार्वर्ड यूनिवर्सिटी जाना पड़ा - साल 1991 में पिता राजीव गांधी की हत्या के बाद राहुल गांधी को फ्लोरिडा के रॉलिंग कॉलेज शिफ्ट किया गया - यहीं से साल 1994 में उन्होंने बीए की डिग्री ली - पढ़ाई पूरी करने के बाद राहुल गांधी की वतन वापसी हुई. - देश की राजनीति और हालात बहुत हद तक बदल चुके थे - इसी बदले राजनीतिक हालात में कांग्रेस ने राहुल गांधी को देश की राजनीति में उतारा - साल 2004 में राहुल गांधी ने अमेठी सीट से चुनाव लड़ा और जीत के साथ देश की संसद में पहली बार कदम रखा. - मां सोनिया गांधी की देख रेख में राहुल ने इस दौरान पार्टी में कई अहम पदों पर काम किया - धीरे-धीरे राहुल, कांग्रेस पार्टी के भीतर खुद के लिए जगह बनाने में कामयाब रहे. - राहुल गांधी को साल 2013 में कांग्रेस का उपाध्यक्ष नियुक्त किया गया. - 13 साल भारतीय राजनीति में खुद को मथने के बाद राहुल बड़ी पारी के लिए तैयार हो चुके हैं.