नई दिल्ली: कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने आज एक बार फिर आर्थिक पैकेज की मांग को दोहराया है. राहुल गांधी ने कहा कि भारत में लॉकडाउन लगे 45 दिन हो चुके हैं. जहां एक तरफ पूरा देश कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई लड़ रहा है, तो वहीं दूसरी तरफ संपूर्ण लॉकडाउन के चलते उत्पन्न हुई भयानक आर्थिक सुनामी के बादल देश पर मंडरा रहे हैं.


राहुल गांधी ने कहा, "यह स्पष्ट है कि केंद्र सरकार की ओर से बड़े आर्थिक सहायता पैकेज के बिना देश की अर्थव्यवस्था का पहिया फिर से पटरी पर लाना संभव नहीं होगा. दुनिया के अधिकांश देश अर्थव्यवस्था को दोबारा शुरू करने और अपने नागरिकों की परेशानियों को दूर करने के लिए बड़े आर्थिक पैकेज की घोषणा पहले ही कर चुके हैं, लेकिन भारत में कमजोर वर्गों जैसे किसान, प्रवासी मजदूर व दैनिक श्रमिकों और ट्रैवल एवं टूरिज़्म, ऑटोमोबाईल, रिटेल आदि जिन्हें लॉकडाउन का सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है, उनकी सहायता के लिए एक आर्थिक पैकेज की घोषणा पर टाल मटोल की जा रही है. केंद्र सरकार इस पैकेज की घोषणा करने में जितना समय लगाएगी लोगों की परेशानियां उतनी ही बढ़ेंगी और अर्थव्यवस्था को दोबार शुरू करना उतना ही ज्यादा कठिन होता जाएगा."


'गरीबों के खातों में जाएं 7500 रुपये'


आर्थिक पैकेज की मांग के साथ साथ राहुल गांधी ने सरकार को कुछ सुझाव भी दिए, जिसमें उन्होंने कहा,आय का सहयोग सबसे गरीब 13 करोड़ परिवारों को 'आय का सहयोग' मिले. हर परिवार को 7500 रुपये दिए जाएं. यदि 13 करोड़ परिवारों में से प्रत्येक को कम से कम 5,000 रुपये भी दिए जाएं, तो कुल 65,000 करोड़ रुपये की आवश्यकता है, जो जरूरी भी है व सरकार आसानी से इसे वहन कर सकती है.


'रोजगार गारंटी को बढ़ाकर 200 दिन किया जाए'


राहुल गांधी ने कहा, "मनरेगा के तहत 100 दिनों के गारंटीड रोजगार को बढ़ाकर 200 दिन किया जाए, जिससे मजदूरों को आय के ज्यादा अवसर व राहत मिल सके. हमारी 28 से 30 प्रतिशत जनसंख्या शहरों में रहती है. खेती और अन्नदाता किसान को ताकत व मदद दी जाए. 8.22 करोड़ पीएम किसान खातों में 10,000 रुपये डालकर किसान को तत्काल आय सहयोग दिया जाए. गेहूं समेत सभी रबी फसलों के एक एक दाने की न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीद सुनिश्चित हो."


पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, "6.25 करोड़ सूक्ष्म, लघु और मध्यम औद्योगिक इकाईयां 11 करोड़ से ज्यादा नौकरियों का सृजन करती हैं. एमएसएमई के लिए 1 लाख करोड़ रुपये की ‘वेज़ प्रोटेक्शन स्कीम’ और एक लाख करोड़ रुपये की ‘क्रेडिट गारंटी स्कीम’ दी जाए. एमएसएमई द्वारा लिए गए लोन पर छह माह के ब्याज के बराबर छह माह की ब्याज सब्सिडी दी जाए.


'दोबारा शुरू हो रिटेल सप्लाई चेन'


उन्होंने कहा, "इसी तरह की क्रेडिट गारंटी एवं ब्याज सब्सिडी की सुविधाएं बड़े उद्योगों को भी दी जाएं, बशर्ते वो अपनी सहायक इकाईयों को भी सहयोग करें. इससे वैल्यू चेन की गाड़ी गति से चलेगी और नौकरियों में कटौती नहीं करनी पड़ेगी. हॉटस्पॉट को छोड़कर अन्य जगहों पर रिटेल सप्लाई चेन दोबारा शुरू की जानी चाहिए. इससे पूरे भारत में लगभग 7 करोड़ दुकानदार भाईयों को अपना व्यवसाय फिर से शुरू करने में राहत मिलेगी."


आखिर में राहुल गांधी ने मजदूरों को घर भेजने की बात कहते हुए कहा, "कुछ राज्यों में ट्रेन निरस्त होने और प्रवासी मजदूरों को अपने-अपने स्थानों पर फंसे रहने को मजबूर होने की खबरों से मुझे काफी दुख हुआ है. वो कोई बंधुआ मजदूर नहीं और उन्हें अपनी स्वेच्छा से अपने घर वापस जाने की अनुमति मिलनी चाहिए. बसों और ट्रेनों को चलाए जाने की घोषणा किए जाने के बाद भी हजारों मजदूर अपने अपने गांवों को पैदल जाने को मजबूर क्यों हैं? सरकार इस बारे में कारगर कदम उठाए."


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