(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
राहुल गांधी ने दी इफ्तार पार्टी, कार्यकर्ता की पहनाई टोपी दो सेकेंड में ही उतारी
इस पार्टी में झारखंड मुक्ति मोर्चा, एनसीपी, एआईयूडीएफ, जेडीएस और आरजेडी के नेता भी पहुंचे. हालांकि समाजवादी पार्टी का कोई भी नेता इस इफ्तार पार्टी में शरीक नहीं हुआ, जिसकी वजह से भी राहुल की इफ्तार पार्टी चर्चा में रही.
नई दिल्ली: ईद से ठीक पहले कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की तरफ से इफ्तार पार्टी दी गई. दो सालों बाद कांग्रेस की इस इफ्तार पार्टी में छोटे-बड़े दस दलों के नेता शामिल हुए. नागपुर में आरएसएस के कार्यक्रम में शिरकत करने के बाद चर्चा में आए पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी राहुल गांधी के सबसे करीब बैठे दिखे. पार्टी में एक कार्यकर्ता ने राहुल को मुस्लिम टोपी भी पहनाई, लेकिन राहुल ने दो सेकेंड में ही वह टोपी उतार दी.
राहुल ने कुछ पल के लिए पहनी टोपी!
इफ्तार की शुरुआत में ही एक कांग्रेस कार्यकर्ता मुस्लिम टोपी लेकर राहुल को पहनाने के लिए नजदीक आ गए. उन्होंने इशारों में ही राहुल से टोपी पहनाने की इजाजत मांगी. राहुल ने उन्हें टोपी पहनाने तो दी, लेकिन फिर कुछ पल में ही उतार कर रख दी. खास बात ये रही है कि इफ्तार पार्टियों में नेता जिस तरह टोपी-तौलिया लगा लेते हैं, राहुल ने उससे परहेज किया है.
थोड़ी देर और टोपी पहन लेते तो खुशी होती- कार्यकर्ता
राहुल को मुस्लिम टोपी पहनाने वाले कार्यकर्ता का नाम हाजी मोहम्म्द कुरेशी था. हाजी कुरेशी का कहना है कि मैंने इशारे में राहुल से पूछकर टोपी पहनाई थी. राहुल के टोपी उतारने पर उन्होंने कहा, ''राहुल थोड़ी देर और टोपी पहन लेते तो खुशी होती. शायद वोट बैंक के चलते राहुल ने टोपी उतार दी. मोदी राज में मुसलमानों को कोई नहीं पूछ रहा है.''
राहुल ने पहले पूछा- क्या आपने पीएम मोदी का फिटनेस वीडियो देखा? फिर ठहाका लगाकर बोले- 'विचित्र'
इफ्तार में शामिल नहीं हुआ सपा का कोई नेता
इफ्तार पार्टी में जिस टेबल पर राहुल गांधी बैठे थे, उस पर प्रणब मुखर्जी के अलावा डीएमके नेता कनिमोझी, बीएसपी के सतीश मिश्रा, टीएमसी की तरफ से दिनेश त्रिवेदी और सीपीएम नेता सीताराम येचुरी भी बैठे दिखे. इस पार्टी में झारखंड मुक्ति मोर्चा, एनसीपी, एआईयूडीएफ, जेडीएस और आरजेडी के नेता भी पहुंचे. हालांकि समाजवादी पार्टी का कोई भी नेता इस इफ्तार पार्टी में शरीक नहीं हुआ, जिसकी वजह से भी राहुल की इफ्तार पार्टी चर्चा में रही.
राहुल गांधी की इफ्तार पार्टी में कौन-कौन से बड़े नेता पहुंचे?
- कनिमोझी, डीएमके
- सीताराम येचुरी, सीपीएम
- हेमंत सोरेन, जेएमएम
- सतीश मिश्रा, बीएसपी
- डीपी त्रिपाठी, एनसीपी
- बदरुद्दीन अजमल, एआईयूडीएफ
- शरद यादव, बीटीपी
- दिनेश त्रिवेदी, टीएमसी
- दानिश अली, जेडीएस
- मनोज झा, आरजेडी
राहुल ने ट्वीट कर जताई खुशी
दिल्ली के ताज होटल में दिए गए इफ्तार पार्टी के बाद राहुल गांधी ने ट्वीट किया और लिखा, ‘’अच्छा खाना, जाने-पहचाने चेहरे और बहुत अच्छी बातचीत ने इफ्तार को यादगार बना दिया. मुझे खुशी है कि प्रतिभा पाटिल और प्रणब मुखर्जी जैसे दो पूर्व राष्ट्रपतियों के अलावा दूसरे राजनीतिक पार्टियों के नेता इफ्तार पार्टी का हिस्सा बने.’’
Good food, friendly faces and great conversation make for a memorable Iftar! We were honoured to have two former Presidents, Pranab Da & Smt Pratibha Patil ji join us, along with leaders from different political parties, the media, diplomats and many old & new friends. pic.twitter.com/TM0AfORXQa
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) June 13, 2018
राहुल ने पीएम मोदी के फिटनेस वीडियो का बनाया मजाक
पार्टी में राहुल गांधी दोनों पूर्व राष्ट्रपतियों के बीच बैठे थे. उन्होंने थोड़ी देर प्रतिभा पाटिल से बात की, लेकिन ज्यादातर प्रणब मुखर्जी से ही गुफ्तगू करते दिखे. प्रणब मुखर्जी भी गंभीरता से राहुल को कुछ समझा रहे थे. बातें बेहद धीमी हो रही थीं. बीच में राहुल ने 'चीन' का नाम लिया. उससे जाहिर होता है कि चीन के विषय में बात हो रही थी.
हालांकि इन सब के बीच राहुल ने अचानक प्रणब मुखर्जी से अंग्रेजी में पूछा, "क्या आपने उनका (मोदी) फिटनेस वीडियो देखा?" मुखर्जी को सम्भवतः प्रधानमंत्री के फिटनेस वीडियो का अंदाज नहीं था, उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया. लेकिन टेबल पर बैठे अन्य नेताओं ने वीडियो पर मजाकिया अंदाज में चर्चा शुरू कर दी. इस दौरान राहुल गांधी ने वीडियो को ‘विचित्र’ बता दिया!
येचुरी दो साल पहले न्योता ठुकराया, इस बार अपनाया
आपको बता दें कि जिस सियासी इफ्तार पार्टी में सपीएम के नेता सीताराम येचुरी शामिल हुए हैं, दो साल पहले उन्हीं की पार्टी ने सोनिया गांधी के इफ्तार के न्यौते को ठुकरा दिया था.लेकिन लेफ्ट की सियासी जमीन क्या खिसकी अब वो भी सियासी इफ्तार का हिस्सा बने. तब सीपीएम ने सियासी इफ्तार का विरोध किया था. लेकिन दो साल बाद सीपीएम के विचार बदल गए.
वीडियो देखें-