नई दिल्ली: अविश्वास प्रस्ताव पर बहस के दौरान कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी मोदी सरकार पर जमकर बरसे, उनकी सरकार की बखिया उधेड़ी, उनके वादों और दावों को झूठा करार दिया. गंभीर आरोप लगाए. जुलमों की सरकार कहकर पुकारा. कड़े तेवर के साथ हमले किए, लेकिन अपने तल्ख भाषण के बाद वो सीधे पीएम मोदी की सीट के पास पहुंचे, उन्हें गले लगाया तो मोदी भी उनकी पीठ थपथपाने से खुद को रोक नहीं पाए.


देश की संसद में तीखी बहस होना, विरोधी के खिलाफ तल्ख टिप्पणी करना, नोक-झोंक हो जाना, तनातनी पैदा हो जाना, विरोधी पार्टी के खिलाफ शब्दों का युद्ध चलना जैसी घटनाएं खूब होती हैं. इस बीच विरोधियों से मिलने-मुस्कुराने की तस्वीरें भी आती हैं, लेकिन ऐसा कम होता है जब विपक्ष का सबसे बड़ा नेता प्रधानमंत्री के पास जाए और उनसे हाथ मिलाए, गले मिले और अपने भाषण में ये एलान भी करे कि उनके दिल में थोड़ा भी गुस्सा नहीं है. नफरत नहीं है.


दरअसल, राहुल गांधी ने अपने भाषण के आखिरी तीन मिनट में नफरत का मुद्दा उठया और इसे लेकर मोदी सरकार पर जमकर निशाना तो साधा ही खुद के कांग्रेसी होने का मतलब भी बताया. राहुल ने कहा कि आरएसएस और बीजेपी ने उन्हें हिंदू और शिवजी का भक्त होने का मतलब समझाया.


कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह और आरएसएस का आभारी हूं कि उन्होंने मुझे कांग्रेस, हिंदुस्तानी और हिन्दू होने का मतलब समझाया. हिंदुस्तानी होने का मतलब ये कि चाहे तुम्हे कोई कुछ भी कह दे, झूठी बात बोले दे, गाली दे, लाठी मारे, तुम्हारे दिल में उसके लिए प्यार होना चाहिए.


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