Rahul Gandhi Tells Story of RSS Leader: कांग्रेस (Congress) नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने महाराष्ट्र (Maharashtra) के नांदेड़ (Nanded) में पार्टी की 'भारत जोड़ो यात्रा' (Bharat Jodo) के दौरान एक सभा को संबोधित करते हुए आरएसएस नेता (RSS Leader) से मुलाकात की एक कहानी सुनाई. राहुल ने बताया कि केदारनाथ यात्रा (Kedarnath Yatra) के दौरान उनकी मुलाकात आरएसएस के एक नेता से हुई थी. राहुल ने कहानी सुनाते हुए कहा कि आरएसएस और कांग्रेस पार्टी में यह अंतर है. उन्होंने कहानी को लेकर विवाद गहराने की आशंका भी जताई.
भारत जोड़ो यात्रा के संबंध में सभा को संबोधित करते हुए राहुल गांधी ने कहा, ''बात मेरे दिमाग में आई, पता नहीं कहां से आ गई, बोलू? शायद नहीं बोलनी चाहिए, थोड़ी कॉन्ट्रोवर्सियल हो जाएगी, बोल देता हूं.''
राहुल ने बताई केदारनाथ पैदल जाने की वजह
राहुल ने कहा, ''मैं केदारनाथ गया एक बार, वहां के हमारे चीफ मिनिस्टर थे, मेरे ऑफिस में आए, उन्होंने मुझे कहा कि देखो केदारनाथ जाना है. मैंने सुना और पता नहीं मेरे मुंह से बात निकल आई, एकदम बात निकली, उन्होंने मुझे कहा कि देखो आप हेलिकॉप्टर से केदारनाथ जा सकते हो. जैसे ही उन्होंने ये बोला, मैंने कहा कि मैं हेलिकॉप्टर से केदारनाथ नहीं जाऊंगा, मैं अगर केदारनाथ जाऊंगा तो पैदल जाऊंगा.''
वायनाड सांसद ने आगे कहा, ''मैं शिव के मंदिर में जा रहा हूं, जो सबसे बड़े तपस्वी थे, अगर मैं उनके घर जा रहा हूं तो हेलिकॉप्टर में जाने का कोई मतलब ही नहीं है, मतलब मैं तपस्वी के यहां जा रहा हूं और मैं 15 किलोमीटर तपस्या नहीं कर सकता क्या? मैं पैदल गया, वहां पर बहुत अच्छा लगा, बड़ी ठंड थी, 16-17 किलोमीटर है, मतलब पता लगता है कि केदारनाथ जा रहे हैं. मैं वहां पहुंचा. वहां पर कोई उद्घाटन था.''
आरएसएस नेता से राहुल की मुलाकात
राहुल गांधी ने कहा, ''जैसे ही मैं मंदिर में घुस रहा था, वहां पे एक आरएसएस के नेता मिले. मैंने नमस्ते की. कैसे कहूं, सीधा बोल देता हूं कि वजन उनका काफी था, तकरीबन 100 किलो तक था. हम अंदर जा रहे थे और उनके पास उनके साइड में एक नौकर था और नौकर के सिर पर इतनी बड़ी टोकरी थी, उसमें फल.. फल लगे थे. मैंने देखा, मैंने कहा- सर ये क्या है? कहते हैं ये मैं फल शिवजी के चरणों पे डालने के लिए लाया हूं. एकदम मैंने सोचा.. आप नहीं लाए हैं, आपका नौकर लाया है मगर जो दिल में होता है मैं कभी-कभी बोलता नहीं हूं, चुप हो गया मैं. मैंने कहा- बहुत अच्छा. मुझे देखते हैं, कहते हैं- आप कब आए? मैंने कहा कि मैं तो कल रात को आया था.
आप कैसे आए?
मैं तो चलके आया.''
आरएसएस पर राहुल का निशाना
राहुल गांधी ने अपनी यात्रा के दौरान मिले आरएसएस नेता की कहानी सुनाते हुए आगे कहा, ''100 किलो का वजन था तो बदतमीजी नहीं करनी थी तो मैंने सवाल नहीं पूछा, मैं चुप हो गया मगर उन्होंने कहा- मैं तो हेलिकॉप्टर से आया. मैंने सोचा.. अब आ गया दिमाग में, मैं क्या करूं.. मैंने कहा आप सबसे बड़े तपस्वी के घर आए हैं, मतलब दुनिया का सबसे बड़ा और उसके घर आप हेलिकॉप्टर से आए? कुछ नहीं कहा, चुप हो गया. हम गए, धक्का-मुक्की हुई वहां पे, मुझसे बुजुर्ग थे तो मैंने कहा- आप आइये. उन्होंने हाथ जोड़े, पूजा हुई, मैंने भी हाथ जोड़े, पूजा खत्म हुई, बाहर निकले, मुझे कहते हैं- राहुल जी आपने शिवजी से क्या मांगा? मैं चुप हो गया. मैंने कहा- भाईसाब आप बताइये, आपने क्या मांगा? मैंने सोचा पहले उनसे पूछ लेता हूं. मुझे कहते हैं राहुल, मैंने सेहत मांगी. 100 किलो का वजन, शिवजी से सेहत मांगी. अगर आप केदारनाथ पैदल आ जाते, सेहत मिल जाती. मैंने उसको बताया नहीं.''
राहुल ने भोलेनाथ से क्या मांगा?
राहुल ने कहा, ''अब मैं आपको बताऊंगा मगर उसको मैंने नहीं बताया, उसको ये बात शायद समझ न आती, उनका दूसरा तरीका है, हमारा दूसरा तरीका है. मैंने शिवजी से कुछ नहीं मांगा. कुछ नहीं मांगा. मैं गया, मैंने हाथ जोड़ा और मैंने शिवजी से कहा, शिवजी का धन्यवाद किया कि आपने मुझे रास्ता दिखाया है. ये फर्क है आरएसएस में कांग्रेस पार्टी में, ये फर्क है गांधी जी में और सावरकर जी में. हम कहते नहीं हैं, हम कर देते हैं.''
बता दें कि शुक्रवार (11 नवंबर) को कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा का 64वां दिन है. अब तक यात्रा छह राज्यों के 27 जिलों से होकर गुजरी है. फिलहाल में यह महाराष्ट्र के नांदेड़ से गुजर रही है. कांग्रेस की इस यात्रा को अभी 1,818 किलोमीटर का सफर और तय करना है.
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