तमिलनाडु में गरजे राहुल गांधी, तमिल भाषा और संस्कृति के महत्व पर कही ये बात
कांग्रेस नेता राहुल गांधी तमिलनाडु की तीन दिवसीय यात्रा के पहले दिन कोयंबटूर पहुंचे. कोयंबटूर में उन्होंने प्रधानमंत्री पर जुबानी हमला बोला. राहुल गांधी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का तमिलनाडु की संस्कृति, तमिल भाषा और लोगों के लिए कोई सम्मान नहीं है.
चेन्नई: तमिलनाडु में इस साल अप्रैल और मई महीने में विधानसभा चुनाव होने है. इससे पहले आज कोयंबटूर से राहुल गांधी ने कांग्रेस के चुनाव प्रचार का आगाज किया. सियासत के सुपर शनिवार को एक और जहां बीजेपी असम और पश्चिम बंगाल में हुंकार भर्ती दिखी तो वहीं राहुल गांधी ने आज कोयंबटूर, तिरुप्पुर और इरोड में सभाएं की और साथ ही अलग-अलग वर्ग के लोगों से मुलाकात की.
कांग्रेस नेता राहुल गांधी तमिलनाडु की तीन दिवसीय यात्रा के पहले दिन कोयंबटूर पहुंचे. कोयंबटूर में उन्होंने प्रधानमंत्री पर जुबानी हमला बोला. राहुल गांधी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का तमिलनाडु की संस्कृति, तमिल भाषा और लोगों के लिए कोई सम्मान नहीं है. राहुल गांधी ने कहा कि पीएम मोदी सोचते हैं कि तमिल लोग, भाषा और संस्कृति को उनके विचारों और संस्कृति के अधीन होना चाहिए.
मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए कोयंबटूर में राहुल गांधी ने कहा, 'अर्थव्यवस्था के विकास के लिए सामंजस्य की जरूरत होती है. मौजूदा सरकार ने सब जगह बड़े स्तर पर असामंजस्य पैदा किया. मुझे लगता है कि बीजेपी का जो माइंडसेट है उसके साथ हमें अर्थव्यवस्था की इस स्थिति से बाहर निकालना बहुत मुश्किल होगा.' राहुल गांधी इससे पहले ‘जल्लीकट्टू’ को देखने भी तमिलनाडु आए थे.
जल्लीकट्टू में हुए थे शामिल
‘जल्लीकट्टू’ यहां ग्रामीण इलाकों का एक परंपरागत खेल है, जो पोंगल त्योहार पर आयोजित किया जाता है. राहुल गांधी ने तब भी तमिल संस्कृति के मुद्दे पर बोलते हुए कहा था, 'मैं दिल्ली से यहां एक बहुत ही लोकप्रिय आयोजन देखने आया क्योंकि मैं मानता हूं कि तमिल संस्कृति, तमिल भाषा और तमिल इतिहास भारत के भविष्य के लिए जरूरी है और इनका सम्मान करने की जरूरत है.'
बता दें कि राहुल गांधी लगातार तमिल लोगों के दिलों तक पहुंचने का प्रयास कर रहे हैं. इसमें कोई दो राय नहीं कि तमिलनाडु में तमिल भाषा और यहां की संस्कृति को लेकर लोग संवेदनशील है. ऐसे में अपने भाषणों में राहुल गांधी इस बात को इशारा करते रहे कि कांग्रेस इस भाषा के महत्व और लोगों को समझती है जबकि राहुल गांधी बीजेपी को बाहरी पार्टी की तरह दिखाने पर जोर दे रहे हैं.
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