राहुल गांधी तीन दिन के गुजरात दौरे पर हैं और ताबड़तोड़ रैलियां-जनसभाएं कर रहे हैं. इस बीच वो मंदिर जाना भी नहीं भूलते. राहुल के दौरे की शुरुआत अक्षरधाम मंदिर से हुई और दूसरे दिन का समापन भी मंदिर में भगवान के दर्शन से ही होगा.
इसी कड़ी में राहुल गांधी बनासकांठा के अंबाजी मंदिर पहुंचे. देश के 52 शक्तिपीठों में से एक अंबाजी मंदिर में राहुल गांधी ने विधिवत पूजा-अर्चना की. ये वही अंबाजी मंदिर है जहां से बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने गुजरात गौरव मंहासंपर्क अभियान की शुरुआत की थी.
अंबाजी मंदिर उत्तरी गुजरात में आस्था का सबसे बड़ा केंद्र है तो बीजेपी का सबसे बड़ा वोट बैंक भी है. जिस पाटीदार आंदोलन के नाम पर हार्दिक पटेल ने बीजेपी के नाम में दम कर रखा है उस आंदोलन की भूमि और पाटीदारों का गढ़ भी उत्तरी गुजरात रहा है और इसीलिए राहुल बीजेपी के इस गढ़ में पूरी ताकत झोंक रहे हैं.
अपनी गुजरात यात्रा के पहले दिन राहुल गांधी एयरपोर्ट से सीधे अक्षरधाम मंदिर गए थे, जहां कांग्रेस के दिग्गज नेता भी उनके साथ मौजूद थे. इस दौरान राहुल गांधी ने मंदिर में 15-20 मिनट गुजारे थे. गांधीनगर के अक्षरधाम मंदिर में राहुल से पहले पीएम मोदी पहुंचे थे. नवंबर महीने के शुरुआत में यहां पीएम मोदी ने भी विधिवत पूजा अर्चना की थी और गांधीनगर में अक्षरधाम मंदिर प्रबंधन की तरफ से प्रधानमंत्री का भव्य स्वागत किया था. लगभग दस दिनों के भीतर राहुल गांधी ने मंदिर परिसर में अपनी मौजूदगी दर्ज करवा दी.
आज अपनी गुजरात नवसर्जन यात्रा के दूसरे दिन भी राहुल गांधी बनासकांठा के थारा जिले में होंगे और चुनावी जनभाओं और नुक्कड़ सभाओं के बाद जिले के प्रसिद्ध वाडीनाथ मंदिर जाकर पूजा अर्चना करेंगे.
भक्ति की राजनीति
कांग्रेस उपाध्यक्ष की अक्षरधाम दौरे से भाजपा और विपक्षी कांग्रेसी पार्टी के बीच वाक्युद्ध शुरू हो गया. सत्तारूढ़ पार्टी ने कहा कि उनका मंदिर दर्शन केवल वोट पाने के लिये है, जबकि कांग्रेस ने उस पर पलटवार करते हुये कहा कि भाजपा के पास ‘भक्ति’ का एकाधिकार नहीं है.
भाजपा ने उनकी आलोचना करते हुए कहा कि राहुल गांधी चुनाव के पहले हिंदू मंदिरों में जा रहे हैं ताकि वोट हासिल किए जा सकें. उप मुख्यमंत्री नितिन पटेल ने कहा," राहुल गांधी क्यों चुनावों के पहले मंदिरों की यात्रा कर रहे हैं. लोग उनके इरादे जानते हैं कि वे ऐसे हथकंडों से वोट हासिल करना चाहते हैं. उनका भक्ति के प्रति कोई झुकाव नहीं है क्योंकि अपने पहले की यात्राओं के दौरान राहुल गांधी कभी किसी मंदिर में नहीं गए."
पटेल ने कहा, "हम चाहते हैं कि कांग्रेस अपनी छद्म धर्मनिरपेक्षता को छोड़ दे और मुख्यधारा हिन्दुत्व का सम्मान करे, लेकिन वोट हासिल करने के लिए उनके हथकंडे गुजरात में सफल नहीं होंगे." कांग्रेस ने पलटवार करते हुए कहा कि लोग भाजपा को सबक सिखाएंगे क्योंकि वह मंदिर जाने का विरोध कर रही है.
कांग्रेस नेता शक्तिसिंह गोहिल ने कहा,"क्या किसी के पास भक्ति का पेटेंट है? वे लोग मंदिर की यात्रा का विरोध कर रहे हैं. गुजरात के लोग उन्हें सबक सिखाएंगे." उन्होंने कहा, ‘‘राहुल गांधी जी हिंदू मंदिरों के अलावा जैन मंदिर और गुरूद्वारे भी गए हैं. हम धर्मनिरपेक्षता में विश्वास करते हैं."