Gujarat Electon ABP News C-Voter Survey: गुजरात विधानसभा चुनाव को लेकर सामने आए एबीपी न्यूज सी-वोटर सर्वे (ABP News C-Voter Survey) के नतीजे इशारा कर रहे हैं कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi) अगर 'सद्दाम जैसी दाढ़ी' वाली बीजेपी (BJP) की कथित विवादित टिप्पणी को मुद्दा बनाते तो उन्हें इसका फायदा हो सकता था.
इसकी दो वजह हैं. पहली यह कि राहुल गांधी की तुलना सद्दाम हुसैन से करने वाले बीजेपी के कथित विवादित बयान को सी-वोटर सर्वे में ज्यादातर लोगों ने 'गलत' बताया है. यानी सर्वे के नतीजे इसे लेकर बीजेपी की आलोचना कर रहे हैं. दूसरी वजह है कि पीएम मोदी ने कांग्रेस की ओर से उनके ऊपर की गई कथित आपत्तिजनक टिप्पणी को मुद्दा बना लिया और सर्वे में उन्हें इसका फायदा होता दिख रहा है.
कांग्रेस के हमले को पीएम मोदी ने बना लिया मुद्दा
पिछले दिनों कांग्रेस नेता मधुसूदन मिस्त्री ने एबीपी न्यूज से बातचीत के दौरान पीएम मोदी पर आपत्तिजनक टिप्पणी की थी. उन्होंने कहा था, ''मोदी को औकात दिखा देंगे.'' इसके बाद गुजरात की जनसभाओं में पीएम मोदी ने 'औकात' वाले कांग्रेस के कथित आपत्तिजनक बयान को मुद्दा बनाया. सुरेंद्र नगर की रैली में पीएम मोदी ने पलटवार में कहा था कि कांग्रेस राजपरिवार से है और वह एक साधारण परिवार से हैं, जनता के सेवक हैं, उनकी पहले से ही कोई औकात नहीं है.
एबीपी न्यूज के लिए सी-वोटर ने अपने जनमत सर्वेक्षण के दौरान जब यह पूछा कि क्या पीएम मोदी की ओर से 'औकात वाले कांग्रेस के बयान' को मुद्दा बनाने से बीजेपी को फायदा होगा तो सबसे ज्यादा लोगों ने 'हां' में जवाब दिया.
मोदी ने औकात वाले बयान का मुद्दा उछाल दिया है इससे बीजेपी को फायदा होगा?
स्रोत- सी वोटर
- हां-53%
- नहीं-47%
पहले भी देखा गया गया है कि पीएम मोदी ने जब-जब कांग्रेस के आपत्तिजनक बयानों को मुद्दा बनाया तो बीजेपी को उसका लाभ मिला. वहीं, जब सर्वे में पूछा गया कि बीजेपी की ओर से राहुल गांधी की तुलना सद्दाम हुसैन से करना सही है या गलत तो सबसे ज्यादा लोगों ने 'गलत' का विकल्प चुना.
राहुल गांधी की तुलना सद्दाम हुसैन से करना सही या गलत?
स्रोत- सी वोटर
- सही-36%
- गलत-64%
उल्लेखनीय है कि बीजेपी नेता और असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने पिछले दिनों चुनाव प्रचार के दौरान राहुल गांधी की तुलना दिवंगत तानाशाह सद्दाम हुसैन से की थी. उन्होंने राहुल गांधी के दाढ़ी वाले लुक पर निशाना साधा था. सरमा ने कहा था कि राहुल को अपने नाना जवाहर लाल नेहरू जैसा दिखना चाहिए, महात्मा गांधी जैसा दिखना चाहिए लेकिन वह सद्दाम जैसे दिख रहे हैं.
पीएम मोदी ने कांग्रेस के वार को मुद्दा बनाया लेकिन राहुल गांधी बीजेपी के हमले को चुनावी मुद्दा नहीं बना पाए. वहीं, सी-वोटर के एक और सवाल से पता चलता है कि राहुल ने गुजरात में अपनी कम मौजूदगी से नुकसान कर लिया.
दरअसल, राहुल कांग्रेस की 150 दिवसीय 'भारत जोड़ो यात्रा' की अगुवाई कर रहे हैं, ऐसे में गुजरात में चुनाव प्रचार करने के वह बहुत कम समय निकाल पाए. गुजरात चुनाव के लिए राहुल ने 21 नवंबर को सूरत और राजकोट में पहली बार जनसभाएं कीं. इस पर सी-वोटर ने जनता से पूछा कि राहुल के प्रचार से असर पड़ेगा या नहीं.
सवाल- क्या राहुल के प्रचार से गुजरात की हवा बदलेगी?
स्रोत- सी वोटर
- हां-41%
- नहीं-59%
सर्वे का नतीजा कुछ हो सकता था अगर राहुल गुजरात के लिए पर्याप्त समय निकालते. वह गुजरात में पहले चरण के मतदान से महज नौ दिन पहले चुनाव प्रचार में उतरे थे. बता दें कि एक दिसंबर को पहले चरण के चुनाव में सौराष्ट्र की 54 और दक्षिणी गुजरात की 35 सीटों पर मतदान होगा. इसके लिए 29 नवंबर को चुनाव प्रचार का आखिरी दिन है.
डिस्क्लेमर: एबीपी न्यूज के लिए यह सर्वे सी-वोटर ने बुधवार से शुक्रवार तक किया था. इसमें 1,889 लोगों से सवाल-जवाब किया गया. सर्वे के नतीजें पूरी तरह से जनता की राय पर आधारित हैं. एबीपी न्यूज का नतीजों से कुछ भी लेना-देना नहीं हैं. सर्वे में मार्जिन ऑफ एरर प्लस माइनस 3 से प्लस माइनस 5 फीसदी है.
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