Congress on SC/ST reservation Quota: अनुसूचित जाति और जनजाति आरक्षण में कोटा को लेकर सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर रूख तय करने के लिए मंगलवार (6 अगस्त) की शाम कांग्रेस की एक उच्चस्तरीय बैठक हुई. इस बैठक में मल्लिकार्जुन खरगे, राहुल गांधी के साथ सोनिया गांधी ने पार्टी के दलित नेताओं के साथ मंथन किया. कांग्रेस ने एलान किया है कि इस मुद्दे पर आने वाले दिनों में वो अपना स्टैंड साफ करेगी.
बैठक में मौजूद सूत्रों के मुताबिक राहुल गांधी ने जातीय जनगणना की बेहद जरूरी बताया. कांग्रेस अध्यक्ष खरगे ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले को लेकर और चर्चा होनी चाहिए. इसको लेकर खरगे कांग्रेस शासित राज्यों के मुख्यमन्त्रियों और वरिष्ठ नेताओं से बात करेंगे.
कांग्रेस में एससी/एसटी आरक्षण में कोटे को लेकर हैं दो राय
दरअसल, कांग्रेस के अंदर एससी एसटी आरक्षण में कोटे को लेकर दो राय है. कांग्रेस के ज्यादातर दलित और आदिवासी नेता इसके खिलाफ हैं. हालांकि, तेलंगाना के सीएम रेवंत रेड्डी सुप्रीम कोर्ट का फैसला लागू करने की बात कह चुके हैं. सूत्रों के मुताबिक, कांग्रेस सुप्रीम कोर्ट के फैसले का समर्थन या स्पष्ट विरोध करने की बजाय इस बहाने जाति जनगणना के मुद्दे की मांग तेज करेगी, जिसको लेकर राहुल गांधी लगातार आक्रामक हैं. कांग्रेस को केंद्र सरकार के स्टैंड का भी इंतजार है.
जानिए क्या है पूरा मामला?
हाल ही में सुप्रीम कोर्ट की 7 जजों की बेंच ने गुरुवार (1 अगस्त) को 20 साल पुराना अपना ही फैसला पलटा दिया था. इस दौरान कोर्ट ने कहा था कि अनुसूचित जातियां खुद में एक समूह हैं, इसमें शामिल जातियों के आधार पर और बंटवारा नहीं किया जा सकता. इस दौरान कोर्ट ने अपने नए फैसले में राज्यों के लिए जरूरी हिदायत भी दी है.
7 जजों की बेंच ने कहा है कि राज्य सरकारें मनमर्जी से फैसला नहीं कर सकतीं. इसके लिए दो शर्तें होंगी. पहली ये कि अनुसूचित जाति के भीतर किसी एक जाति को 100% कोटा नहीं दे सकतीं. जबकि, दूसरी ये होगी कि अनुसूचित जाति में शामिल किसी जाति का कोटा तय करने से पहले उसकी हिस्सेदारी का पुख्ता डेटा होना चाहिए.
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