Rahul Gandhi Manipur Visit: हिंसाग्रस्त मणिपुर का दौरा करने पहुंचे कांग्रेस नेता राहुल गांधी को स्थानीय पुलिस ने आगे बढ़ने से रोक दिया है. राहुल गांधी को इंफाल एयरपोर्ट के आगे विष्णुपुर चेकपोस्ट पर रोका गया है. इंफाल एयरपोर्ट पर उतरने के बाद वे चुराचांदपुर जा रहे थे. सूत्रों के मुताबिक राहुल गांधी के काफिले को सुरक्षा कारणों से रोका गया है.
सूत्रों के मुताबिक, राहुल गांधी से राज्य सरकार ने हेलीकॉप्टर से जाने को कहा है, लेकिन वो हवाई मार्ग से जाने को तैयार नहीं हैं और रोड से ही जाना चाहते हैं. राज्य सरकार को इस बात का डर है कि सड़क पर रास्ते में मणिपुर की महिलाएं विरोध प्रदर्शन में खड़ी हैं. ऐसे में कोई अनहोनी घट सकती है. इसी वजह से राज्य सरकार उन्हे हेलीकॉप्टर से जाने की सलाह दे रही है.
हिंदुस्तान टाइम्स ने कांग्रेस नेता केसी वेणुगोपाल के हवाले से लिखा है कि पुलिस राहुल गांधी की कार को आगे नहीं बढ़ने दे रही थी, जबकि किनारे खड़े लोग उनकी ओर हाथ हिला रहे थे. ''हम समझ नहीं पा रहे हैं कि उन्होंने हमें क्यों रोका है."
दो दिन के दौरे पर मणिपुर गए हैं राहुल गांधी
कांग्रेस नेता राहुल गांधी गुरुवार, 29 जून को इंफाल पहुंचे हैं. एएनआई के अनुसार, राहुल गांधी दो दिनों तक हिंसाग्रस्त राज्य का दौरा करेंगे और अपनी यात्रा के दौरान राहत शिविरों में भी जाएंगे. इसके साथ ही उनका इंफाल और चुराचांदपुर में सिविल सोसायटी के प्रतिनिधियों से भी मिलने का कार्यक्रम है.
राहुल गांधी के दौरे की जानकारी देते हुए कांग्रेस के ट्विटर हैंडल पर लिखा गया है कि आपके राहुल गांधी प्रेम, भाईचारा, अमन का पैगाम लेकर मणिपुर पहुंच गए हैं. कुछ वक्त में वो हिंसा के पीड़ितों से मिलेंगे.
राहुल गांधी के दौरे पर अमित मालवीय का निशाना
राहुल गांधी के मणिपुर दौरे पर बीजेपी आईटी सेल के चीफ अमित मालवीय ने निशाना साधा है. मालवीय ने ट्विट पर लिखा, जब कांग्रेस के शासन में हिंसा भड़की थी, तो राहुल गांधी एक बार भी पीड़ितों से मिलने चुराचांदपुर नहीं गए थे. तब नौ युवकों की गोली मारकर हत्या कर दी गई और प्रदर्शनकारी समुदायों ने दो वर्षों तक उनका अंतिम संस्कार करने से इनकार कर दिया था.
मालवीय ने आगे लिखा, राहुल गांधी शांति के मसीहा नहीं हैं, वे सिर्फ एक राजनीतिक अवसरवादी हैं, जो बर्तन को गर्म रखना चाहते हैं. उनकी मणिपुर यात्रा लोगों की चिंता के कारण नहीं बल्कि उनके अपने स्वार्थी राजनीतिक एजेंडे के कारण है. यही कारण है कि किसी को उन पर या कांग्रेस पर भरोसा नहीं है.
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