कांग्रेस में एकजुटता की कवायद के बीच राहुल गांधी ने दिए 'वापसी' के संकेत
करीब पांच घंटे चली बैठक के खत्म होने के बाद मीडिया से बात करते हुए पृथ्वीराज चौहान ने कहा कि पार्टी का भविष्य तय करने के लिए पहली बैठक हुई, ऐसी और बैठकें होंगी.
नई दिल्ली: कांग्रेस में व्याप्त असंतोष को खत्म करने के मकसद से सोनिया गांधी के घर बुलाई गई अहम बैठक में जहां सोनिया ने एक परिवार की तरह काम करने की अपील की वहीं. राहुल गांधी ने पार्टी अध्यक्ष के तौर पर अपनी वापसी के संकेत दिए हैं. जहां एक तरफ नेताओं ने कहा कि बैठक सकारात्मक माहौल में हुई. हालांकि असंतुष्ट नेताओं के करीबी सूत्रों की मानें तो विवाद का कोई ठोस समाधान नहीं निकला है और आने वाले दिनों में और भी बैठकें होंगी.
कोरोना के कारण कई महीनों बाद शनिवार को सोनिया गांधी ने अपने आवास पर पार्टी के बड़े नेताओं की बैठक बुलाई, जिसमें असंतुष्ट गुट के 7 नेता भी शामिल हुए. सोनिया गांधी, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी समेत कुल 19 नेता बैठक मौजूद रहे. सोनिया गांधी ने कहा कि हम सब एक परिवार की तरह हैं और सबको मिलकर पार्टी को मजबूत करना है. वहीं असंतुष्ट नेताओं के करीबियों के मुताबिक उन्होंने अपना पक्ष सोनिया गांधी के सामने रखा. सूत्रों के मुताबिक सोनिया गांधी ने इन नेताओं से कहा कि वे उनकी चिंताओं का समाधान करेंगी.
उच्च सूत्रों के मुताबिक बैठक में राहुल गांधी ने कहा कि पार्टी जो भी जिम्मेदारी देगी, उसे निभाउंगा. हालांकि जब नेताओं ने उनसे अध्यक्ष की जिम्मेदारी संभालने को कहा तो राहुल ने जवाब दिया कि इस समय इस मुद्दे को चुनावी प्रक्रिया पर छोड़ना बेहतर होगा. लोकसभा चुनाव में हार की जिम्मेदारी लेते हुए कांग्रेस अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने के डेढ़ साल बाद पहली बार राहुल गांधी ने अपनी वापसी को लेकर सकारात्मक संकेत दिए हैं.
वहीं, सूत्रों के मुताबिक गुलाम नबी आजाद जैसे असंतुष्ट नेताओं की ओर इशारा करते हुए राहुल गांधी ने कहा कि सभी वरिष्ठ नेता पार्टी के लिए महत्वपूर्ण हैं और वे उनका सम्मान करते हैं क्योंकि ज्यादातर उनके पिता के दोस्त रहे हैं और साथ काम कर चुके है.
कांग्रेस के एक वरिष्ठ सूत्र ने कहा कि बैठक में मौजूद असंतुष्ट नेताओं ने कांग्रेस नेतृत्व में भरोसा जताते हुए कहा कि कांग्रेस नेतृत्व की सबको साथ लेकर चलने की क्षमता और पार्टी की वैचारिक प्रतिबद्धता में उनकी आस्था है. हालांकि असंतुष्ट नेताओं के करीबी सूत्रों ने दावा किया कि उनकी वजह से यह बैठक हुई और विवाद सुलझाने के लिए आगे भी बैठकें होंगी.
वहीं, दूसरी तरफ सूत्रों ने यह भी बताया कि बैठक में सोनिया गांधी ने कहा कि बीजेपी को परास्त करने की रणनीति बनाने को लेकर हम जल्द चिंतन शिविर आयोजित करेंगे और केंद्र सरकार की नाकामियों के बारे में जनता को बताएंगे.
करीब पांच घंटे चली बैठक के खत्म होने के बाद मीडिया से बात करते हुए पृथ्वीराज चौहान ने कहा कि पार्टी का भविष्य तय करने के लिए पहली बैठक हुई, ऐसी और बैठकें होंगी. पंचगनी या शिमला जैसा चिंतन शिविर आयोजित किया जाएगा. पवन बंसल ने बताया कि सभी नेताओं ने कहा कि पार्टी को राहुल गांधी के नेतृत्व की जरूरत है.
हालांकि कांग्रेस के असंतुष्ट गुट के एक बड़े नेता ने कहा कि राहुल गांधी की वापसी को लेकर सभी नेताओं की राय एक जैसी नहीं थी. बैठक में संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल को भी आमंत्रित नहीं किया गया था. इससे जाहिर होता है कि कांग्रेस का विवाद अभी सुलझा नहीं है.
आपको बता दें कि कांग्रेस अध्यक्ष के चुनाव को लेकर वोटर लिस्ट बनाने का काम जारी है. माना जा रहा है कि कांग्रेस अध्यक्ष के साथ वर्किंग कमेटी के सदस्यों का चुनाव भी करवाया जाएगा.
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