Chhattisgarh Congress Row: छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री बदलने की चर्चा के बीच कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, नाराज चल रहे टीएस सिंह देव और प्रभारी पीएल पुनिया से लंबी मुलाकात की. बैठक के बाद पीएल पुनिया ने कहा कि आगामी विधानसभा चुनाव की रणनीति को लेकर चर्चा हुई. पुनिया ने यह भी कहा कि बैठक में नेतृत्व परिवर्तन को लेकर कोई बात नहीं हुई. बघेल और टीएस सिंह देव ने नपे-तुले जवाब दिए. लेकिन दोनों नेताओं की बॉडी-लैंग्वेज से संकेत यही मिला कि झगड़ा सुलझा नहीं है. 


एबीपी न्यूज से बात करते हुए पीएल पुनिया ने कहा कि 2023 विधानसभा चुनाव की रणनीति और तैयारी को लेकर चर्चा हुई. राहुल गांधी ने आदिवासी क्षेत्रों को लेकर विशेष रूप से जानकारी ली. मुख्यमंत्री बदलने के सवाल को मीडिया का कयास करार देते हुए उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री बदलने को लेकर कोई चर्चा ना होनी थी ना हुई. उन्होंने कहा कि यह मीडिया के द्वारा लगाया गया कयास है. वहीं, बघेल और टीएस में मनमुटाव पर पूछे जाने पर पुनिया ने कहा कि भूपेश बघेल और टीएस सिंह देव के रिश्ते बहुत अच्छे हैं. दोनों का एक दूसरे के घर आना जाना लगा रहता है.


मीडिया के सवालों का जवाब देते हुए टीएस सिंह ने कहा कि छत्तीसगढ़ को लेकर सोनिया गांधी और राहुल गांधी जो भी सुझाव देंगे हम उसके मुताबिक काम करेंगे. देव ने कहा कि हम सब एक परिवार की तरह हैं जिसका नेतृत्व सोनिया गांधी और राहुल गांधी कर रहे हैं. हमारे बीच कोई मतभेद नहीं है. हालांकि जब देव से पूछा गया कि छत्तीसगढ़ में किसका नेतृत्व रहेगा तो उन्होंने मुख्यमंत्री बघेल का नाम ना लेकर कहा कि वहां भी सोनिया गांधी और राहुल गांधी ही नेतृत्व कर रहे हैं. नेतृत्व परिवर्तन को लेकर देव ने कोई टिप्पणी नहीं की.


वहीं बैठक से निकल कर भूपेश बघेल ने बस इतना कहा कि संगठन पर चर्चा हुई. ऐसे में सवाल बरकरार है कि ढाई साल बाद सीएम बदलने की मांग कर रहे टीएस सिंह देव को राहुल ने क्या भरोसा दिया या फिर उन्हें मना लिया गया है!


दरअसल देव खेमे के नेताओं का दावा है कि दिसम्बर 2018 में सरकार गठन के समय भूपेश बघेल और टीएस सिंह देव के बीच ढाई-ढाई साल के फॉर्मूले पर बात तय हुई थी. हालांकि यह बात ना तो कभी खुद टीएस ने कही ना ही किसी अन्य नेता ने. बीते 17 जून को बघेल सरकार को ढाई साल हो गए और मुख्यमंत्री बदलने के सवाल को उन्होंने खारिज कर दिया. 


बताया जाता है कि ढाई साल बाद सीएम नहीं बनाए जाने से टीएस नाराज हैं. कुछ दिनों पहले एक कांग्रेस विधायक ने उनपर आरोप लगाया कि देव ने विधायक पर हमला करवाया और हत्या की साजिश रच रहे हैं. इन आरोपों के बाद टीएस देव ने खुल कर अपनी नाराजगी जाहिर की. उन्होंने अंदरखाने पार्टी को अल्टीमेटम दे डाला. 


इसके बाद मामला राहुल गांधी के दरबार में पहुंचा. राहुल ने क्या समाधान निकाला इस पर सस्पेंस बरकरार है. सूत्रों का यह भी दावा है कि आखिरी फैसला सोनिया गांधी करेंगी. पंजाब और राजस्थान के बाद कांग्रेस नेतृत्व के लिए छत्तीसगढ़ नया सरदर्द साबित हो रहा है. केवल इन्हीं तीन राज्यों में पार्टी की अपनी सरकार है. 


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