नई दिल्लीः नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ उत्तर प्रदेश में हुए प्रदर्शनों के दौरान हुई पुलिस कार्रवाई पर गंभीर सवाल खड़े करते हुए कांग्रेस नेताओं के एक प्रतिनिधिमंडल ने राहुल गांधी के नेतृत्व में दिल्ली स्थित राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग में दफ्तर में ज्ञापन दिया. साथ ही यूपी पुलिस पर लगाए गए अत्याचार के आरोपों के विस्तृत साक्ष्य पेश किए. कांग्रेस ने आयोग से तत्काल जांच और ठोस कार्रवाई करने की मांग की. राहुल गांधी के साथ यूपी प्रभारी महासचिव प्रियंका गांधी और यूपी कांग्रेस के कई वरिष्ठ नेता मौजूद थे.


ज्ञापन सौंपने के बाद राहुल गांधी ने मीडिया से बात नहीं की. पार्टी सूत्रों के मुताबिक राहुल ने आयोग के सामने कहा कि "ये हमला व्यक्तियों पर हमला नहीं, भारत के विचार पर हमला है जिससे पूरी दुनिया में भारत की छवि खराब हो रही है. मानवाधिकार आयोग के चेयरमैन पूर्व मुख्य न्यायधीश होते हैं जिन्होंने आजीवन 'भारत के विचार' के संरक्षक की भूमिका निभाई होती है. हमें उम्मीद है कि आयोग लोगों की अपेक्षा पर खरा उतरेगा."


आयोग को ज्ञापन सौंपने के बाद पार्टी नेता अभिषेक मनु सिंघवी ने मीडिया को दिए बयान में कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष के निर्देश पर कांग्रेस का प्रतिनिधिमंडल एनएचआरसी से मिला और यूपी में मानवधिकार हनन से जुड़ी विस्तृत रिपोर्ट सौंपी. 23 मौतें हुई हैं लेकिन एक भी एफआईआर पुलिसकर्मियों के खिलाफ नहीं हुई. हमने उन मौंतों की पूरी जानकारी के साथ पुलिसकर्मियों और अफसरों के नाम दिए हैं. आयोग ने हमें बहुत सब्र के साथ सुना. हमें पूरी आशा और विश्वास है कि जल्द से जल्द इस पर कार्यवाही होगी.


प्रियंका गांधी ने भी मीडिया में कोई बयान नहीं दिया लेकिन उनके हवाले से सिंघवी ने बताया कि प्रियंका गांधी ने 'पुलिस मित्र' को लेकर सवाल खड़े किए और आयोग को बताया कि 'पुलिस मित्र' में आरएसएस के लोगों की भर्ती की गई है. प्रियंका ने वीडियो दिखा कर आरोप लगाया कि आरएसएस से जुड़े 'पुलिस मित्र' धारा 144 लागू होने के बावजूद डंडो से लैस होकर लोगों को डरा-धमका रहे थे.


बाद में प्रियंका ने ट्वीट कर लिखा कि "आज राहुल गांधी जी के नेतृत्व में कांग्रेस नेताओं के प्रतिनिधिमंडल ने राष्ट्रीय मानवधिकार आयोग में उप्र पुलिस द्वारा जनता, महिलाओं और बच्चों के ऊपर की गई बर्बरताओं और गैर संवैधानिक कृत्यों के सिलसिले में निष्पक्ष जांच की मांग के साथ अपनी शिकायत दर्ज कराई. बीएचयू के छात्रों को कैरियर नष्ट करने की धमकी, आम लोगों पर ज्यादतियां व दमन, निर्दोषों की हत्याएं- इन सभी मामलों में निष्पक्ष जांच के जरिए न्याय मिलना जरूरी है."


आपको बता दें कि प्रियंका गांधी ने सीएए विरोधी प्रदर्शनों के दौरान मारे गए लोगों के घर जा कर उनसे मुलाकात की थी. मृतक, घायल और गिरफ्तार हुए लोगों के पीड़ित परिवारों से मिल कर यूपी कांग्रेस ने 500 पन्नों से अधिक की रिपार्ट तैयार की जिसमें पुलिस की कथित मनमानी के सबूत दर्ज किए गए जिसे एनएचआरसी को सौंपा गया है. यूपी कांग्रेस के अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने आरोप लगाया कि यूपी सरकार ने साजिश के तहत हिंसा करवाई है जिसमें सरकार के नुमाइंदों से लेकर पुलिस पदाधिकारी शामिल हैं.