Rahul Gandhi Bunglow Deadline: राहुल गांधी की लोकसभा सदस्यता दोबारा बहाल होने के बाद उन्हें 12 तुगलक लेन बंगला वापस अलॉट कर दिया गया, लेकिन राहुल गांधी ने बंगला लेने से इनकार कर दिया है. इसके बाद से कयास लगाए जा रहे हैं कि राहुल गांधी वापस उस बंगले में नहीं जाना चाहते हैं. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार राहुल गांधी ने लोकसभा हाउसिंग कमेटी को चिट्ठी लिखी है.  


दरअसल राहुल की लोकसभा सदस्यता फिर से बहाल होने के बाद लोकसभा हाउसिंग कमेटी ने वायनाड सांसद राहुल गांधी का बंगला दोबारा अलॉट कर दिया था और 15 दिनों के भीतर उनकी सहमति मांगी थी. बीते बुधवार को 15 दिन की मियाद पूरी हो गई. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, राहुल गांधी किसी दूसरे बंगले की तलाश कर रहे हैं, उन्होंने 7 सफदरजंग लेन में कुछ छोटे बंगले को भी विकल्प के तौर पर देखा है.


18 साल से 12 तुगलक लेन बंगले में रह रहे थे राहुल


राहुल गांधी साल 2005 से 12 तुगलक लेन बंगले में रह रहे थे. वायनाड सांसद राहुल को मानहानि के एक मामले में दो साल की सज़ा दी गई थी, जिसके बाद उनकी लोकसभा सदस्यता रद्द कर दी गई. लोकसभा सदस्यता जाने के बाद राहुल गांधी को सांसद के तौर पर मिलने वाले बंगले को खाली करना पड़ा. हालांकि कुछ समय बाद सुप्रीम कोर्ट ने उनकी सज़ा पर रोक लगा दी और उनकी सदस्यता वापस बहाल हो गई.


बंगला छोड़ते वक्त राहुल गांधी ने कहा था कि उन्होंने सच बोलने की कीमत चुकाई है. इसके बाद वे अपनी मां सोनिया गांधी के बंगले में शिफ्ट हो गए थे.


'मोदी सरनेम' मामले में हुई थी सज़ा


2019 में लोकसभा चुनाव के दौरान सांसद राहुल गांधी ने कर्नाटक के कोलार में एक रैली को संबोधित करते हुए कहा था कि 'सभी चोरों का सरनेम मोदी क्यों है?' इस बयान के खिलाफ बीजेपी नेता पूर्णेश मोदी ने गुजरात की निचली अदालत में मुकदमा दर्ज कराया था, जिसमें राहुल गांधी को दोषी ठहराया गया. राहुल गांधी के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 499 और 500 के तहत केस दर्ज किया गया.


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