'अग्निपथ योजना सेना पर थोपी गई, ये बहादुर युवाओं का अपमान', राहुल गांधी का मोदी सरकार पर वार
Agnipath Scheme: कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने अग्निपथ योजना का जिक्र करते हुए कहा कि केंद्र सरकार शहीदों के साथ दो तरह का व्यवहार कर रही है.
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Rahul Gandhi On Agnipath Scheme: कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने अग्निपथ योजना को लेकर केंद्र की मोदी सरकार पर एक बार फिर निशाना साधा. उन्होंने मंगलवार (16 अप्रैल, 2024) को कहा कि इस योजना के जरिए युवााओं का अपमान किया जा रहा है.
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने सोशल मीडिया एक्स पर लिखा, ''अग्निपथ योजना भारतीय सेना और देश की रक्षा करने का सपना देखने वाले बहादुर युवाओं का अपमान है. यह भारतीय सेना की नहीं, नरेंद्र मोदी के कार्यालय में बनी योजना है जिसे सेना पर थोप दिया गया है''
उन्होंने आगे कहा, ''शहीदों के साथ दो तरह का व्यवहार नहीं किया जा सकता. हर व्यक्ति जो देश के लिए सर्वोच्च बलिदान देता है उसे शहीद का दर्जा मिलना चाहिए. I.N.D.I.A की सरकार बनते ही हम इस योजना को तुरंत रद्द कर पुरानी स्थायी भर्ती प्रक्रिया फिर से लागू करेंगे.''
अग्निपथ योजना भारतीय सेना और देश की रक्षा करने का सपना देखने वाले बहादुर युवाओं का अपमान है।
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) April 16, 2024
यह भारतीय सेना की नहीं, नरेंद्र मोदी के कार्यालय में बनी योजना है जिसे सेना पर थोप दिया गया है।
शहीदों के साथ दो तरह का व्यवहार नहीं किया जा सकता, हर व्यक्ति जो देश के लिए सर्वोच्च…
दरअसल, विपक्षी गठबंधन 'इंडिया' में शामिल कांग्रेस सहित अन्य विपक्षी दल अग्निपथ योजना को लेकर मोदी सरकार पर हमलावर है. हाल ही में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को अग्निपथ योजना को लेकर पत्र लिखा था.
मल्लिकार्जुन खरगे ने क्या कहा है?
अपने पत्र में खरगे ने कहा कि नियमित भर्ती प्रक्रिया समाप्त होने और अग्निपथ योजना की शुरुआत के कारण देश के सशस्त्र बलों में नियमित भर्ती चाहने वाले लगभग दो लाख युवा पुरुषों और महिलाओं का भविष्य अनिश्चित हो गया है.
उन्होंने लेटर में लिखा, "यह योजना सैनिकों के समानांतर कैडर बनाकर हमारे जवानों के बीच भेदभाव पैदा करने वाली है, क्योंकि उनसे काम वही कराया जाएगा, लेकिन बहुत अलग पारिश्रमिक, लाभ और संभावनाओं के साथ. अधिकांश अग्निवीर चार साल की सेवा के बाद अनिश्चित रोजगार बाजार में छोड़ दिये जाएंगे, जिसके बारे में कुछ लोगों का तर्क है कि इससे सामाजिक स्थिरता प्रभावित हो सकती है."
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