क्या अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच सबकुछ ठीक? राजस्थान पहुंच राहुल गांधी ने खुद दिया इसका जवाब
Rajasthan Assembly Election: राजस्थान में 25 नवंबर को विधानसभा चुनाव होने वाले हैं. इस बार राज्य में बीजेपी और कांग्रेस के बीच सीधा मुकाबला है.
Rajasthan Election: कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने गुरुवार (16 नवंबर) को जयपुर पहुंचे हैं. राजस्थान विधानसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए वह पूरे दिन इस चुनावी राज्य में अपना अभियान जारी रखने वाले हैं. इस दौरान मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और उनके पूर्व डिप्टी सचिन पायलट को एक साथ राहुल गांधी का स्वागत करते देखा गया. दरअसल, राजस्थान विधानसभा चुनाव के बीच इस बात की हवा उड़ रही थी कि गहलोत और पायलट के बीच खींचतान चल रही हैं.
समाचार एजेंसी एएनआई के जरिए शेयर किए गए वीडियो में देखा जा सकता है कि गहलोत और पायलट राहुल का स्वागत कर रहे हैं. इस बीच जब मीडियाकर्मी दोनों नेताओं को लेकर राहुल से सवाल पूछते हैं, तो वह कहते हैं, 'एक साथ नजर नहीं आ रहे हैं, बल्कि एक साथ हैं. कांग्रेस पार्टी यहां सूपड़ा साफ करते हुए चुनाव जीतने वाली है.' वीडियो के देखा जा सकता है कि जब राहुल एक साथ वाली बात कहते हैं, तो अशोक गहलोत और सचिन पायलट दोनों मुस्कुरा रहे हैं.
#WATCH | Rajasthan Elections | CM Ashok Gehlot and Congress leader Sachin Pilot seen together with Rahul Gandhi, in Jaipur.
— ANI (@ANI) November 16, 2023
Rahul Gandhi says, "We are not only seen together but we are also united. We will be together and Congress will sweep the elections here and win." pic.twitter.com/sWezSuuv0X
बैठकों में साथ दिख रहे गहलोत और पायलट
वीडियो में 'पहले आप, पहले आप' वाला मूमेंट भी हुआ. राहुल के दोनों ओर गहलोत और पायलट खड़े थे, जो उनसे कह रहे हैं पहले आप चलिए. राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमिटी के प्रमुख गोविंद सिंह डटोसरा भी इस दौरान मौजूद हैं. वहीं, राहुल गांधी के एक साथ वाला बयान ऐसे समय पर सामने आया है, जब अशोक गहलोत ने बुधवार को पार्टी मीटिंग की एक तस्वीर शेयर करते हुए लिखा, 'एक साथ जीत रहे हैं फिर से'. तस्वीर में सचिन पायलट को भी देखा जा सकता है.
पायलट और गहलोत के बीच क्यों हुआ था विवाद?
दरअसल, सीएम अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच विवाद की शुरुआत 2020 में हुई थी. उस समय राजस्थान के डिप्टी सीएम रहे सचिन पायलट ने 18 विधायकों के समर्थन के साथ गहलोत के खिलाफ मोर्चा खोल दिया था. हालांकि, जल्द ही सुलह हो गई, लेकिन सचिन पायलट को डिप्टी सीएम की कुर्सी गंवानी पड़ी. उस वक्त गहलोत ने उन्हें 'गद्दार' और 'निकम्मा' करार दिया था.
वहीं, पायलट ने इस साल गहलोत सरकार के खिलाफ भ्रष्टाचार-विरोधी यात्रा की शुरुआत की थी. ऐसा लगने लगा था कि एक बार फिर से दोनों नेताओं के बीच तनाव बढ़ने लगा है. मगर अब ऐसा लग रहा है कि दोनों नेताओं के बीच सब कुछ ठीक है.
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