Congress-TMC: लोकसभा चुनाव में अब कुछ महीनों का वक्त बचा हुआ है. जहां बीजेपी के नेतृत्व वाले एनडीए गठबंधन ने चुनाव की तैयारियों में अपना पूरा जोर लगा दिया है. दूसरी ओर एनडीए का सामना करने के लिए विपक्षी दलों के गठबंधन इंडिया में फूट पड़ गई है. पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) प्रमुख ममता बनर्जी ने बंगाल में अकेले चुनाव लड़ने का ऐलान किया है तो वहीं पंजाब में भी आम आदमी पार्टी अकेले चुनावी मैदान में उतरने वाली है. 


इंडिया गठबंधन के लिए पश्चिम बंगाल ज्यादा झटका देने वाला साबित हुआ है, जहां लोकसभा की 42 सीटें हैं और कांग्रेस और टीएमसी के बीच यहां तनाव देखने को मिला है. सीट बंटवारे को लेकर नाराज होकर ही ममता ने अकेले चुनाव लड़ने का फैसला किया है. इस बीच कांग्रेस नेता राहुल गांधी का ममता को लेकर एक बयान सामने आया है, जिसे देखकर ऐसा लगता है कि सबकुछ ठीक चल रहा है. ऐसा मालूम होता है कि कांग्रेस-टीएमसी के बीच बंद दरवाजे में बात चल रही है. 


राहुल गांधी ने क्या कहा है? 


कांग्रेस नेता राहुल गांधी भारत जोड़ो न्याय यात्रा लेकर पश्चिम बंगाल पहुंचे हुए हैं. यहां वह युवाओं से बात कर उनकी परेशानियां जानने की कोशिश कर रहे हैं. युवाओं से बातचीत के एक कार्यक्रम में एक व्यक्ति उनसे सवाल करता है कि पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी की पार्टी के साथ इंडिया गठबंधन है. लेकिन अभी उनकी पार्टी का रवैया बदल गया है और पार्टी गठबंधन से अलग होते हुए नजर आ रही हैं. आखिर ममता को इतनी प्राथमिकता क्यों दी जा रही है. 






इसके जवाब में राहुल कहते हैं, 'हमारा इंडिया गठबंधन है. ना ममता बनर्जी ने और ना ही हमने इंडिया गठबंधन तोड़ा है. ममता जी भी कह रही हैं कि वह गठबंधन में हैं. हम भी कह रहे हैं कि हम गठबंधन में हैं. सीट बंटवारें को लेकर बातचीत चल रही है. दोनों तरफ से सीट बंटवारे पर बातचीत चल रही है. जल्द ही ये सुलझ जाएगा.' राहुल का ये बयान इस बात की ओर इशारा कर रहा है कि कांग्रेस-टीएमसी के बीच सबकुछ ठीक चल रहा है. 


ममता ने क्या कहकर किया था अकेले चुनाव लड़ने का ऐलान? 


दरअसल, ममता बनर्जी ने पिछले महीने ऐलान किया कि वह पश्चिम बंगाल में अकेले चुनाव लड़ने वाली हैं. हालांकि, राष्ट्रीय स्तर पर उनकी पार्टी टीएमसी इंडिया गठबंधन का हिस्सा रहेगी. ममता ने आरोप लगाया कि लेफ्ट पार्टियां इंडिया गठबंधन के एजेंडे को हाईजैक करने की कोशिश कर रही हैं. जिन लेफ्ट पार्टियों से लड़कर वह सत्ता में आई हैं, उनके साथ गठबंधन करके चुनाव लड़ना मुश्किल है. वह कांग्रेस की तरफ से सीट बंटवारे पर हो रही देरी से भी नाराज थीं.  


ममता ने कहा था, 'मैंने कांग्रेस को पश्चिम बंगाल में सीट बंटवारे के लिए प्रस्ताव दिया था. लेकिन उन्होंने शुरू में ही इससे इनकार कर दिया. अब हम बंगाल में अकेले चुनाव लड़ने वाले हैं.' उन्होंने ये भी साफ कर दिया कि राज्य में कांग्रेस के साथ कोई रिश्ता नहीं होने वाला है. 


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