नई दिल्ली: कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) की रिपोर्ट में कथित तौर पर विलंब का मुद्दा बुधवार को उठाया और सोशल मीडिया पर एक तालिका साझा करते हुए ‘केज्ड’ (पिंजरे में बंद) शब्द का इस्तेमाल किया.


गांधी ने ट्विटर पर अपनी पोस्ट में तालिका साझा की जिसमें 2011-12 से रिपोर्ट तैयार करने में कैग की ओर से लिए गए समय का उल्लेख किया गया है.






कांग्रेस नेता ने जो तालिका साझा की उसमें यह भी दर्शाया गया है कि वित्त वर्ष 2017-18 और 2018-19 में कैग की रिपोर्ट में 18-24 महीने का समय लगा या वे फिर लंबित हैं. उन्होंने कहा, ‘‘केज्ड.’’


एक खबर में कहा गया है कि आरटीआई के तहत प्राप्त की गई जानकारी के मुताबिक, साल 2015 से 2020 के बीच कैग की रिपोर्ट में 75 फीसदी की गिरावट आई है. साल 2015 में कैग ने 55 रिपोर्ट्स पेश की थी, लेकिन 2020 तक इसकी संख्या घटकर महज 14 रह गई है.


यह भी पढ़ें:


बंगाल चुनाव से पहले मिथुन चक्रवर्ती और बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे को मिली Y+ कैटेगरी की सुरक्षा