बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस की बैठक में राहुल गांधी ने चीनी घुसपैठ और गलवान घाटी में शहीद हुए बिहार रेजिमेंट के वीर जवानों का मुद्दा उठा कर मोदी सरकार को घेरा है. राहुल गांधी ने कहा कि गलवान घाटी में बिहार रेजिमेंट ने चीनी सैनिकों को मुंहतोड़ जवाब दिया लेकिन पीएम मोदी ने भारतीय सीमा में चीनी घुसपैठ की बात से इंकार कर, उनकी शहादत का अपमान किया.
राहुल गांधी ने सवाल उठाया कि गलवान घाटी के शहीदों के घरवालों को कौन जवाब देगा कि हमारे जवान क्यों शहीद हुए? अगर चीन भारत की सीमा में नहीं घुसा तो क्या हमारे जवान चीन की सीमा में चले गए थे? राहुल ने कहा कि चीन आज भी हमारी जमीन में घुसा हुआ है. इससे साफ है कि आगामी बिहार विधानसभा चुनाव में बीजेपी को घेरने के लिए राहुल गांधी लद्दाख में चीनी अतिक्रमण और बिहार रेजिमेंट के जवानों की शहादत का मुद्दा उठाएंगे.
सूत्रों के मुताबिक बैठक में राहुल गांधी ने 15 जून की रात लद्दाख की गलवान घाटी में चीनी सैनिकों के साथ खूनी झड़प में शहीद हुए 16 बिहार रेजिमेंट के 20 जवानों को श्रद्धांजलि भी दी. इससे पहले राहुल गांधी ने सभी शहीदों के परिवार को चिट्ठी लिखकर श्रद्धाजंलि प्रकट की थी.
बिहार के नेता, कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए राहुल ने कहा कि बिहार ने हमेशा देश को दिशा दिखाई है. राहुल ने कोरोना महामारी और बाढ़ की त्रासदी को लेकर बिहार की नीतीश सरकार को नाकाम बताया. बिहार की बाढ़ को लेकर भी राहुल ने मोदी सरकार को घेरा और कहा कि मोदी जी चुनाव के समय कहते थे कि बिहार में बाढ़ इतिहास हो जाएगी. बांध और पुल बनाए जाएंगे, लेकिन आज बिहार में हालात खराब हैं.
राहुल ने पार्टी कार्यकर्ताओं को निर्देश देते हुए कहा कि प्रदेश सरकार की नाकामियों को लेकर जनता को जागरूक करें. सूत्रों के मुताबिक राहुल ने यह भी कहा कि सम्मानजनक तरीके से गठबंधन कर बिहार में सरकार बनानी है. राहुल ने यह भी कहा कि चुनाव में कांग्रेस को सकारात्मक एजेंडे के साथ जाना है और बाढ़ और कोरोना की दोहरी मार झेल रहे बिहार के लोगों की मदद करनी है क्योंकि यह वक्त केवल राजनीति का नहीं इंसानियत दिखाने का भी है.
बिहार कांग्रेस की इस बैठक में राहुल गांधी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए करीब 1000 पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित किया जिसमें प्रदेश से लेकर ब्लॉक स्तर तक के नेता और कार्यकर्ता शामिल रहे. इससे पहले 3 जुलाई को राहुल ने बिहार कांग्रेस के प्रमुख नेताओं के साथ बैठक की थी जिसमें उन्होंने बिहार चुनाव के लिए पूरा समय देने की बात कही थी और प्रभारी शक्ति सिंह गोहिल को गठबंधन में सीटों पर बातचीत जल्द से जल्द पूरा करने के निर्देश दिए थे.