Rahul Gandhi Defamation Case: कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने आपराधिक मानहानि शिकायत के मामले में शिकायतकर्ता और आरएसएस कार्यकर्ता को नए दस्तावेज सौंपने की अनुमति देने के निचली अदालत के आदेश के खिलाफ बंबई हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है. 


अपनी अर्जी में राहुल गांधी ने दावा किया है कि हाई कोर्ट की अन्य पीठ ने 2021 में शिकायतकर्ता राजेश कुंटे को इस मामले में कोई नया दस्तावेज सौंपने की अनुमति नहीं दी थी. कांग्रेस नेता की याचिका में दावा किया गया है कि कुंटे को नए दस्तावेज सौंपने की अनुमति देने का मजिस्ट्रेट का आदेश पूरी तरह से अवैध और पूर्वाग्रह से भरा है.


नए दस्तावेज सौंपने की अनुमति 
बता दें कि महाराष्ट्र के ठाणे जिले की भिवंडी की एक मजिस्ट्रेट अदालत ने कुंटे को इस साल जून में नए दस्तावेज सौंपने की अनुमति दे दी थी. कुंटे ने अपनी मानहानि की शिकायत में दावा किया है कि राहुल ने गलत और झूठा बयान दिया है कि महात्मा गांधी की हत्या के लिए आरएसएस जिम्मेदार था.


कुंटे की अर्जी पर सुनवाई 
राहुल गांधी की याचिका पर सोमवार 21 (अगस्त) को सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति एस वी कोतवाल की एकल पीठ ने कहा कि 2021 में उच्च न्यायालय की एक अन्य पीठ ने इस शिकायत में अतिरिक्त दस्तावेज जमा करने से संबंधित कुंटे की अर्जी पर सुनवाई की थी, इसलिए अगर वही पीठ गांधी की अर्जी पर सुनवाई करे तो बेहतर होगा.


इस मुद्दे पर हो चुकी है सुनवाई
न्यायमूर्ति कोतवाल ने कहा, " अगर आप (गांधी के वकील कुशल मोर) कह रहे हैं कि इस मुद्दे पर पहले इस उच्च न्यायालय में सुनवाई हो चुकी है तो ऐसे में अगर वही न्यायाधीश इस याचिका पर सुनवाई करते हैं तो बेहतर होगा." पीठ ने कहा, "मोर की दलीलों पर गौर करने के बाद शिष्टाचार यही कहता है कि यह मामला उन्हीं विद्वान न्यायाधीश के समक्ष रखा जाए, जिन्होंने पहले इस मामले की सुनवाई की थी."


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