नई दिल्लीः राहुल गांधी विदेश से लौटने के बाद आज दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित को श्रद्धांजलि देने उनके घर पहुंचे. लगभग 11 बजे राहुल गांधी ने शीला दीक्षित की फ़ोटो पर पुष्प अर्पित किए और फिर उनके कमरे में बैठ गए. पहले 20 मिनट राहुल गांधी और संदीप दीक्षित एक दूसरे की तरफ़ देखते रहे लेकिन दोनों की जुबान से एक शब्द भी नही निकला. 20 मिनट बाद जब संदीप दीक्षित की चुप्पी टूटी तो संदीप ने कहा जिस कुर्सी पर अम्मा (शीला दीक्षित) की फ़ोटो रखी हुई है इसी कुर्सी पर वो हमेशा बैठती थीं और ये कहते ही संदीप की आँखें नम हो गयीं.


राहुल गांधी ने संदीप दीक्षित के साथ लगभग तीन घंटे बिताए और ये संदेश भी दिया कि गांधी परिवार के लिए दीक्षित परिवार की अहमियत है. साफ है कि सोनिया गांधी और शीला दीक्षित की नज़दीकियों की बात तो होती ही थी लेकिन आज राहुल गांधी ने तीन घंटे संदीप दीक्षित के साथ बैठकर इसको साबित भी कर दिया.


शीला दीक्षित के देहांत के बाद सोनिया गांधी उसी वक़्त निज़ामुद्दीन स्थित उनके निवास पर पहुंची थीं. फिर उसके एक दिन बाद जब शीला दीक्षित का पार्थिव शरीर कांग्रेस मुख्यालय में रखा गया तो वहां भी सोनिया गांधी और प्रियंका गांधी ने उन्हें अंतिम विदाई दी थी और उसके बाद निगम बोध घाट में शीला दीक्षित का अंतिम संस्कार हुआ तो वहां सोनिया गांधी , प्रियंका गांधी और रॉबर्ट वाड्रा ने पहुंच कर उन्हें श्रद्धांजलि दी थी. अब जब राहुल गांधी विदेश से लौटे तो राहुल ने संदीप दीक्षित , लतिका (बहन) मोना ( संदीप की पत्नी )के साथ तीन घंटे बिताए और शीला दीक्षित के पूरे घर को देखा.


कांग्रेस के एक सीनियर नेता ने बताया कि इस मुलाक़ात में कुछ लोगों के लिए राजनीतिक संदेश भी छुपा है कि उनके आख़िरी दिनों मे जिस तरीक़े का व्यवहार शीला दीक्षित के साथ किया गया ये उनके लिए चिंता का विषय है.


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