नई दिल्ली: पूर्व विदेश मंत्री और बीजेपी की दिग्गज नेता सुषमा स्वराज का 67 साल की उम्र में दिल्ली के एम्स में निधन हो गया. मंगलवार रात नौ बजे उन्हें सीने में दर्द की शिकायत के बाद एम्स में भर्ती कराया गया था. एम्स में भर्ती करने के समय उनकी हालत बेहद गंभीर थी. कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने सुषमा स्वराज के निधन पर दुख जताते हुए कहा कि सुषमा एक ऐसी अदभुत नेता थीं जिनके सभी पार्टियों के लोगों के साथ बेहद अच्छे रिश्ते थे.
गांधी ने ट्वीट करते हुए कहा, "सुषमा स्वराज जी के निधन के बारे में सुनकर स्तब्ध हूं. वह एक अद्भुत नेता थीं जिनकी पार्टी लाइन से हटकर सभी के साथ बेहद अच्छे रिश्ते थे. दुख की इस घड़ी में उनके परिवार के प्रति मेरी संवेदना है. ईश्वर उनकी आत्मा को शांति प्रदान करें. ऊँ शांति."
आपको बता दें कि सुषमा स्वराज ने इस बार चुनाव नहीं लड़ने का एलान किया था. सुषमा स्वराज की गिनती प्रखर नेताओं में होती थी. जब साल 2014 में केंद्र में मोदी सरकार बनी तब उनके राजनीतिक अनुभव को देखते हुए उन्हें विदेश मंत्रालय की अहम जिम्मेदारी दी गई. निधन के कुछ घंटे पहले उन्होंने अनुच्छेद 370 खत्म होने को लेकर केंद्र सरकार की तारीफ की थी.
सुषमा स्वराज मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में विदेश मंत्री रहीं. इस साल उन्होंने लोकसभा चुनाव नहीं लड़ने का फैसला किया था. सुषमा अप्रैल 1990 में सांसद बनीं. अटल बिहारी वाजपेयी की तेरह दिनों की सरकार में सुषमा स्वराज सूचना प्रसारण मंत्री रहीं. अक्टूबर 1998 में उन्होंने केंद्रीय मंत्रिमंडल से इस्तीफा दिया और दिल्ली की पहली महिला मुख्यमंत्री बनीं.